सबसे बड़ी देन है योग
यदि आप एक बच्चे को गौर से देखें, तो उसकी समस्त शारीरिक क्रियाएं अलग-अलग योग मुद्राओं के समान लगेंगी। उसका सोना, मुस्कराना आदि जैसे कार्य भी योग के समान प्रतीत होते हैं। इसलिए बच्चे हमेशा तनावमुक्त तथा खुश रहते हैं। वे एक दिन में 400 बार तक मुस्करा लेते हैं। हम स्वीकार करें या न करें, लेकिन हम सभी जन्मजात योगी हैं। बच्चों के सांस लेने का तरीका वयस्क लोगों से बिल्कुल अलग होता है। यह सांस ही है, जो शरीर और भावनाओं के मध्य सेतु का कार्य करती है। योग से हमें अनगिनत लाभ मिलते हैं। पहला तो यही है कि हम स्वस्थ होते हैं। योग हमें तनाव और कुंठामुक्त जीवन की ओर बढ़ाता है। योग मानवता को दी गई सबसे बड़ी देन है।
धन है योग
धन से हमें खुशी और आराम मिलता है। योग एक ऐसा धन है, जिससे हमें संपूर्ण आराम मिलता है। योग से न सिर्फ हमारा शरीर रोगमुक्त होता है, बल्कि समाज भी हिंसा रहित होता है। संशय से मुक्त मन, बुद्धि की स्पष्टता, आघात मुक्त स्मृति और दुख से मुक्त आत्मा तो प्रत्येक मानव जीवन का अधिकार है। सभी लोग इस मकसद को पाने के लिए तड़प रहे हैं। योग इसका आसान-सा उत्तर है। लोग सोचते हैं कि योग महज कसरत भर है। ऐसा नहीं है। 80 व 90 के दशकों में मैंने जब यूरोप का दौरा किया था, तब योग को आसानी से ग्रहण करने वाले लोग नहीं थे। आज यह जानकर प्रसन्नता होती है कि योग के महत्व को पहचानकर उसे मुख्य धारा में लाया जा रहा है। विश्व भर में योग आराम, खुश रहने और रचनात्मकता का पर्याय माना जाने लगा है।
संवाद की कुशलता है योग
योग तो व्यक्ति का व्यवहार बदल देता है। व्यवहार व्यक्ति के तनाव के स्तर से सीधे संबंध रखता है। यह उस व्यक्ति में मित्रता के भाव जाग्रत करता है। योग हमारे वाइब्रेशन में फर्क लाता है। हम अपनी उपस्थिति से कई बार बहुत कुछ अभिव्यक्त कर देते हैं, जितना कि हम बोलकर नहीं कर सकते। यदि हम क्वांटम भौतिकी की तर्ज पर बात करें, तो हमारी अपनी वेबलेंथ और वाइब्रेशन होती हैं। जब हमारा संवाद टूटता है, तब हम अक्सर कहते हैं कि हमारी वेबलेंथ नहीं मिली। हमारा संवाद इस बात पर निर्भर करता है कि हम दूसरों से किस तरह संवाद करते हैं। यहां योग हमारे मन को साफ करता है। योग हमारे अंदर कौशल विकास को बढ़ाता है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal