आंखें हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील हिस्सा है और इनकी देखभाल बेहद जरूरी है। आंखों की एक सामान्य समस्या है पलकों का फड़कना जिसे कभी मौसम के बदलाव से जोड़ा जाता है, तो कभी अंधविश्वास से। आमतौर पर आंखों के फड़कने की प्रक्रिया हर व्यक्ति के साथ होती है लेकिन कुछ मामलों में यह बार-बार या लंबे समय तक जारी रहती है। सामान्य तौर पर एक वयस्क व्यक्ति की पलकें 1 मिनट में लगभग 20-25 बार तक झपकती हैं। पलकों का फड़कना आंखों की सुरक्षा का एक तरीका है। वहीं कई बार इसके साथ दूसरी समस्याएं जैसे दर्द, चुभन या जलन व असहजता भी हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि कुछ बातों का ध्यान रखा जाए…
पलकों के फड़कने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इसमें थकान, ठंडा-गर्म मौसम, ऐल्कॉहॉल या अन्य नशे की वस्तुओं का सेवन, नींद की कमी, तनाव, कैफीन का ज्यादा मात्रा में सेवन, कंजंक्टिवाइटिस, मायोपिया, तेज लाइट, आंखों के अंदर सूजन और देर तक टीवी या कंप्यूटर मॉनिटर की स्क्रीन पर देखना जैसी आदतें शामिल हैं।
डिस्टोनिया या ब्लफेरोस्पाज्म, जिसके कारण आंखें और पलकें लगातार फड़कती रहती हैं और सामान्य उपचार से ठीक नहीं होतीं। यही नहीं इससे आंखों और पलकों में भारीपन, थकान और ड्राइनेस बनी रहती है। इनके अलावा कुछ विशेष बीमारियों जैसे पार्किंसंस, स्ट्रोक, बेल्स पाल्सी, टोरेट्स सिंड्रोम आदि के कारण भी पलकों में फड़कने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। कंजंक्टिवाइटिस की तकलीफ में भी पलकें लगातार फड़क सकती हैं। साथ ही इनमें दर्द, चुभन और पानी निकलने जैसी तकलीफ भी हो सकती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
आंखों के फड़कने की समस्या अगर सामान्य तरीकों से ठीक न हो तो तुरंत ध्यान देना जरूरी है, नहीं तो कई मामलों में आंखों की रोशनी के खत्म होने का भी खतरा हो सकता है। साधारण मामलों में यह तकलीफ आंखों को आराम देने, तकलीफ पैदा करने वाले कारक जैसे तेज रोशनी, नशे का सेवन, तनाव आदि से दूर रहने जैसे उपायों से दुरुस्त हो जाती है लेकिन गंभीर मामलों में दवाओं के अलावा कुछ विशेष प्रकार के इंजेक्शन या एक्यूप्रेशर जैसी कुछ तकनीकों के प्रयोग की भी सलाह दी जाती है।
आंखों की कमजोर रोशनी भी एक सामान्य समस्या है जिसकी वजह से अक्सर लोगों को चश्मा लग जाता है। अगर आपकी आंखों के साथ भी ऐसा ही है तो रोजाना कुछ सामान्य एक्सर्साइज करने पर चश्मे की जरूरत नहीं पड़ेगी। ये एक्सरसाइज न सिर्फ आपकी आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार होती हैं बल्कि इससे जुड़ी हर तकलीफ को दूर करने का काम भी करते हैं। आंखों की ये एक्सर्साइज मांसपेशियों को लचीला बना देती हैं और उनमें खून के प्रवाह को दुरुस्त रखती हैं। इससे आंखों की दृष्टि तो ठीक होती ही है, साथ ही रोशनी भी बढ़ती है।
– एक पेंसिल हाथ में लेकर उसे वर्टिकली अपने नाक की सीधे और आंखों के बीचोबीच रखें। अब धीरे-धीरे पेंसिल को आंखों के पास लाएं और फिर दूर ले जाएं। रोजाना कम से कम इसका 10 बार अभ्यास करें।
– पद्मासान लगाकर बैठ जाएं और अपनी आंखों की पुतलियों को पहले क्लॉकवाइज घुमाएं फिर इन्हें ऐंटी-क्लॉकवाइज घुमाएं। कम से कम 4-5 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
– अपनी आंखों की पलकें कम से कम 20 बार बिना रुके झपकाएं। फिर आंखें बंद कर उन्हें आराम दें। दिन भर में 2 बार इसे करने से लाभ होगा।
– अपने से करीब 20 मीटर दूर रखी किसी वस्तु पर अपना ध्यान केंद्रित करें। शुरुआत में ऐसा 5 मिनट के लिए करें। इस दौरान आपको पलकें नहीं झपकानी हैं। कुछ महीनों तक इस अभ्यास को करने से आंखों को लाभ होता है।