सरकारी स्कूल के students भी अब अपने शिक्षकों का मूल्यांकन कर सकेंगे। केंद्र की ओर से अधिकारियों को ऐसा फारमेट तैयार करने के लिए निर्देश दिए गए हैं, ताकि विद्यार्थी भी कक्षा में हुए अनुभव को सभी के साथ साझा कर सकें।
सूत्रों ने बताया,’जानकारी के मुताबिक कक्षा 5 और इससे आगे की कक्षा वाले विद्यार्थी इस एक्सरसाइज में हिस्सा ले सकेंगे। यह प्रोग्राम इसी साल से शुरू भी हो जाएगा।’
नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि,’इस आइडिए का मकसद स्टूडेंट्स से यह जानना है कि वो अपनी पढ़ाई को लेकर क्या सोचते हैं। हमारी कोशिश है कि सवालों का एक ऐसा सेट तैयार किया जाए जो आसानी से विद्यार्थियों के बीच वितरित किया जा सके ताकि वो अपने शिक्षकों का मूल्यांकन करें।’
आपको बता दें कि भारत में दस लाख से ज्यादा सरकारी स्कूल हैं। मगर पैरेन्ट्स फिर भी प्रायवेट स्कूलों का रुख करते हैं। कारण कि इन सरकारी स्कूलों में शिक्षा और सुविधाओं का स्तर बेहद कमजोर है। खबरी के मुताबिक ‘इस मूल्यांकन प्रक्रिया को लेकर कई प्रदेशों से बात की गई है। कुछ ने सहमति भी जताई है। शुरूआत में यह प्रक्रिया कुछ ही प्रदेशों में आयोजित होगी।’
सूत्र ने बताया, ‘मानव संसाधन मंत्रालय की एक टीम इस मामले पर काम कर रही थी। फीडबैक के आधार पर इस प्रक्रिया को नियमित रूप से लागू किया जाएगा।’ अधिकारी ने कहा,’हम इस सिस्टम में पारदर्शिता लाना चाहते हैं। जो शिक्षक बेहतर परफॉर्म कर रहे हैं हम उन्हें सम्मानित करना चाहते हैं। वहीं जो ऐसा नहीं कर रहे हैं उन्हें अपना तरीका सुधारने का संकेत भी देना चाहते हैं।’
इस प्रक्रिया का दूसरा पक्ष यह होगा कि शिक्षक भी विद्यार्थियों का मूल्यांकन करेंगे कि वो कैसा परफॉर्म कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया,’एक चार्ट बनाया जाएगा। इसमें कई मानकों पर विद्यार्थी के मूल्यांकन का रिकॉर्ड रखा जाएगा। इसी के बूते शिक्षक का भी मूल्यांकन किया जा सकेगा।’