इसके जवाब में जयशंकर ने कहा कि इस बारे में सरकार को कोई जानकारी नहीं है कि चीन इसके स्वायत्त क्षेत्र के बाहर सड़क निर्माण कर रहा है। हालांकि समिति के सदस्यों ने कूटनीतिक तरीके से डोकलाम गतिरोध का हल निकालने के लिए सरकार की तारीफ भी की।
राहुल गांधी जानना चाहते थे कि सरकार ने इस तरह की स्थिति उत्पन्न नहीं होने देने के लिए क्या कदम उठाए हैं। उन्होंने लद्दाख में चीन की घुसपैठ की खबरों पर भी सवाल उठाए। थरूर ने हालांकि बैठक की जानकारी देने इनकार कर दिया और इतना ही कहा कि यह एक महत्वपूर्ण और दिलचस्प बैठक रही।
करीब 90 मिनट चली बैठक में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने रोहिंग्या मसले पर भी सदस्यों को जानकारी दी। पैनल के 30 में से सिर्फ छह सदस्यों ने बैठक में हिस्सा लिया था। इनमें भाजपा के सिर्फ एक सांसद रिचर्ड हे ही थे।