कलकत्ता में गरीब घर में पैदा हुआ और दिल्ली की झुग्गियों में पल-बढ़ कर एक लड़का आज लंदन का मशहूर बिजनेस टाइकून है। यह कहानी है अंबरीश मित्रा की। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अंबरीश की एक गलत आदत ने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचा दिया।
दिल्ली स्लम में अखबार बेच गुजारा करने वाले अंबरीश इस समय 10 हजार करोड़ की कंपनी ब्लिपर के मालिक हैं। हाल ही में वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम ने अंबरीश मित्रा को यंग ग्लोबल लीडर्स की लिस्ट में शामिल किए गए हैं।
यही नहीं जब इससे भी काम न चला तो उन्होंने चाय की दुकान में भी काम किया। लेकिन पिछले 5 सालों में वह 10 हजार करोड़ की कंपनी ब्लिपर के मालिक बन चुके हैं। 170 देशों में इसके 6.5 करोड़ यूजर्सस हैं।
अंबरीश मित्रा का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। पिता चाहते थे कि बेटा पढ़ लिखकर इंजीनियर बने लेकिन उनका मन सिर्फ कंप्यूटर में ही रमता था। इसी शौक ने उन्हें इतने बड़े मुकाम तक पहुंचाया।
घर छोड़कर चले जाने के बाद एक दिन उन्होंने अखबार में विज्ञापन देखा, जिसमें एक बिजनेस आइडिया मांगा गया था। बस फिर क्या था अंबरीश ने दिमाग दौड़ाना शुरू किया और महिलाओं को मुफ्त इंटरनेट का आइडिया दिया, जो बहुत पसंद किया गया। इसी आइडिया पर उन्हें 5 लाख रुपये का इनाम मिला। इसी पैसे से उन्होंने वूमन इन्फोलाइन शुरू किया।
अंबरीश के मुताबिक, उस समय वह अच्छे लीडर नहीं थे सो मुनाफा नहीं हुआ लेकिन जितने पैसे जुटाए उससे वह इंग्लैंड चले गए। वहां भी एक टेक्नोलॉजी कंपनी शुरू की, लेकिन सफलता नहीं मिली। जितना था सब खर्च हो गया। इसी दौरान बीमा कंपनी भी ज्वाइन की। फिर शराब पीने की लत लग गई। लेकिन इस लत में भी उनकी किस्मत छिपी हुई थी।
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वह लंदन के एक पब में उमर तैयब (ब्लिपर के सह संस्थापक) के साथ बैठे थे। आखिरी पैग के लिए काउंटर पर 15 डॉलर रखे और मजाक में कहा, कितना अच्छा होता कि इस नोट से महारानी एलीजाबेथ बाहर आ जातीं। यही मजाक बिजनेस आइडिया बन गया।
उमर ने मेरी फोटो ली और उसे महारानी की फोटो पर सुपरइंपोज कर दिया और फिर इसका एप डेवलप किया। इस तरह ब्लिपर का जन्म हुआ। ब्लिपर ऑगमेंटेड रियलिटी ऐप बनाती है। इसके ऐप काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। इसके 12 जगहों पर ऑफिस हैं। कंपनी 650 करोड़ रुपये निवेश से जुटा चुकी है।
अंबरीश ने 2011 में ब्लिपर लॉन्च किया था। उनकी कंपनी मोबाइल फोन के लिए ऐप बनाती है। ब्लिपर के ऐप भी काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। 12 जगहों पर ऑफिस हैं। करीब 300 स्टाफ हैं। कंपनी 650 करोड़ रुपए का निवेश जुटा चुकी है। इसने जगुआर, यूनिलीवर, नेस्ले जैसी कंपनियों के साथ टाइअप किया है।