विराट कोहली फिलहाल महेंद्र सिंह धोनी और सौरव गांगुली के बाद तीसरे सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं. विराट ने अब तक 20 टेस्ट जीतकर गांगुली के 21 टेस्ट जीतने के आंकड़े को पीछे छोड़ने की दहलीज पर हैं. जबकि धोनी 27 टेस्ट जीतकर टॉप पर हैं. 29 साल के विराट ने भारत के सबसे सफल कप्तान बनने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं.
…लेकिन कप्तान के तौर पर विराट को अपने पहले ही टेस्ट में झटका लगा था. 2014 में आज ही (13 दिसंबर) ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड टेस्ट में भारत को 48 रनों से शिकस्त दी थी. महेंद्र सिंह धोनी चोटिल थे, उनकी गैरमौजूदगी में कोहली ने टीम की कप्तानी संभाली थी. लेकिन विराट ने अपने बल्ले से जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए उस टेस्ट की दोनों पारियों में शतक (114, 141 रन) जड़े थे.
…लेकिन विराट ने उस अनोखे रिकॉर्ड की बराबरी की
फिल ह्यूज के अंतिम संस्कार के हफ्तेभर बाद खले गए एडिलेड टेस्ट में विराट ने अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम किया था. वे टेस्ट कप्तान के तौर पर अपने पहले ही टेस्ट में दो शतक जड़ने वाले ग्रेग चैपल के बाद महज दूसरे बल्लेबाज बने थे. लेकिन डेविड वॉर्नर के दोनों पारियों (145, 102 रन) में शतक के अलावा नाथन लियोन (12 विकेट) की फिरकी ने उस मैच को जिताने में अहम भूमिका निभाई.
364 के लक्ष्य का पीछा करते हुए 315 रनों पर सिमटी थी टीम
एडिलेड टेस्ट के आखिरी दिन भारत को जीत के लिए 364 रनों की दरकार थी. जब विराट और मुरली विजय क्रीज पर थे, तो यह लक्ष्य मुश्किल नहीं लग रहा था. विजय दुर्भाग्यशाली रहे, 99 रन के निजी स्कोर पर लियोन ने उन्हें एलबीडब्ल्यू कर दिया. हालांकि विराट भारत के स्कोर को 300 के पार ले जाने में कामयाब रहे. 141 रन बना चुके विराट बाउंड्री लाइन पर पकड़े गए, जिसके बाद भारतीय पारी ढह गई. टीम इंडिया 315 रनों पर आउट होकर पहला टेस्ट 48 रन से गंवा बैठी थी.
हाल ही में विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में 2014 दौरे के दौरान खेली गई 141 रनों की पारी को अपना सर्वश्रेष्ठ टेस्ट शतक बताया था. कोहली ने एक अवॉर्ड फंक्शन में कहा, ‘मुझे लगता है कि बदलाव के दौर के हिसाब से एडिलेड टेस्ट (दिसंबर 2014 में) में दूसरी पारी का शतक, जिसमें हमने मैच लगभग जीत ही लिया था, मेरे लिए काफी विशेष था. मैं हमेशा इस मैच को याद रखूंगा.’