आरजेडी के प्रस्तावति 21 दिसबंर के बिहार बंद को प्रकाश पर्व से अलग रखा जाएगा. आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सिख धर्म के इस महान पर्व का ध्यान रखते हुए फैसला किया है कि प्रकाश पर्व की वजह से पटना सिटी के क्षेत्र में बंद लागू नही होगा. 21 दिसंबर से 23 दिसबंर तक प्रकाश पर्व का समापन समारोह आयोजित किया गया है. 2017 के जनवरी में सिख धर्म के दसवें गुरू गोविंद सिंह की 350वीं जयंती पर प्रकाश पर्व का शुभारंभ किया गया था.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सरकार यदि बालू नीति पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले को मान लेती है तो आरजेडी 21 दिसंबर के बिहार बंद को वापस ले लेगी. अगर सरकार ऐसा नहीं करेगी तो बिहार बंद रहेगा. बिहार में आने वाले सिख समाज के लोग यह देखेंगे कि करोड़ों लोगों का रोजगार लूटा गया. उनके बच्चों को खाने के लिए रोटी नहीं मिल रही है तो इससे ज्यादा बिहार की बदनामी क्या होगी? यह तानाशाही रवैया रहेगा तो हमारा संघर्ष जारी रहेगा. जनता दल यूनाइटेड ने आरोप लगाया था कि आरजेडी प्रकाश पर्व के दौरान बंद का आयोजन कर बिहार की छवि को खराब करना चाहती है.
तेजस्वी ने आगे कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष के संज्ञान में आया कि उस दिन समारोह है. ऐसे में किसी तरह की लोगों को समस्या न हो. न्यू बायपास और पटना सिटी के इलाके में लोगों को समस्या न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा. हम अभी भी कहते हैं किअपना तानाशाही रवैया छोड़िए. गरीब के पेट पर लात मारना बंद करें. इससे बिहार बंद भी नहीं होगा. कोई तंग नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कीजिए. लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
लालू यादव ने कहा कि प्रकाशपर्व को देखते हुए कार्यकर्ताओं से शांतिपूर्ण बंद का आह्वान किया गया है. एंबुलेंस सेवा को बंद से प्रभाव नहीं पड़ेगा. साथ ही प्रकाशपर्व वाले क्षेत्र में बंद नहीं किया जाएगा. तेजस्वी यादव ने कहा कि बालू और गिट्टी को लेकर जनता को परेशानी हो रही है। मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। सरकार की गलत नीतियों के कारण बिहार के लाखों गरीब मजदूर भुखमरी के दौर से गुजर रहे हैं. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है जिसमें बिहार सरकार ने बालू, गिट्टी और मिट्टी के खनन, बिक्री और परिवहन के लिए नए नियम बनाए थे.
गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के बालू, गिट्टी और मिट्टी के खनन, बिक्री और परिवहन के लिए बनाए गए नई नियमों पर फिलहाल रोक लगा दी थी. कोर्ट ने पुराने नियमों के तहत काम करने का आदेश दिया था. इस आदेश के खिलाफ बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. बिहार में अवैध के बालू खनन पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने इस साल नए नियम बनाएं. इसे 10 अक्टूबर 2017 को बिहार गजट में प्रकाशित किया गया था. 14 नवंबर को बालू-गिट्टी का रेट जारी किया गया. लेकिन यह नया नियम खनन कंपनियों और ट्रांसपोर्टरों को पसंद नहीं आया. उसी के समर्थन में आरजेडी ने बिहार बंद का ऐलान किया है.