‘सीएम नीतीश को चर्चा का विषय भी नहीं पता’- क्यों बोले तेजस्वी यादव

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार दस्तावेजीकरण के मामले में सबसे पिछड़ा राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को निष्पक्ष चुनाव कराने की दिशा में काम करना चाहिए, लेकिन यह उलझाव और भटकाव की स्थिति पैदा की जा रही है।

बिहार विधानसभा सत्र के दौरान बुधवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री और सरकार पर जमकर निशाना साधा। सदन से बाहर आते ही तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चर्चा का विषय तक नहीं पता था और वे बीच बहस में ही हस्तक्षेप करने लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार सरकार रिमोट कंट्रोल से चल रही है और शासन का कोई स्पष्ट दिशा नहीं है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि विपक्ष के नेता को बोलने का संवैधानिक हक है, लेकिन सरकार उसे दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने राज्य की चुनावी तैयारियों को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए।

तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग 11 अलग-अलग दस्तावेजों की मांग कर रहा है, लेकिन आधार कार्ड को मान्यता नहीं दी जा रही। उन्होंने सवाल उठाया कि जब आधार कार्ड राष्ट्रीय पहचान पत्र के रूप में सरकार खुद मानती है, तो चुनाव आयोग इसे क्यों नहीं स्वीकार रहा?

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार दस्तावेजीकरण के मामले में सबसे पिछड़ा राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को निष्पक्ष चुनाव कराने की दिशा में काम करना चाहिए, लेकिन यह उलझाव और भटकाव की स्थिति पैदा की जा रही है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार और प्रशासन बार-बार फर्जी वोटर की बात कर रही है, लेकिन यह पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि इस बहाने आम जनता को मतदाता सूची से हटाने या नामांकन प्रक्रिया को जटिल बनाने की कोशिश की जा रही है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि हम लोगों का किसी भी हाल में मत का अधिकार छिनने नहीं देंगे। इस साजिश को हम लोग हर हाल में विफल करके रहेंगे। विपक्ष संविधान की हत्या होने नहीं देगा। किसी का वोट कटने नहीं देंगे। किसी भी हाल में हम लोग चुनाव आयोग की मनमानी चलने नहीं देंगे। भाजपा सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची पुनरीक्षण की आड़ में मतदान के अधिकार एवं लोकतंत्र पर किए जा रहे हमले के खिलाफ बिहार में हम लोगों का प्रदर्शन जारी रहेगा।

वहीं, वाम दल के विधायक महबूब आलम ने कहा कि सीमांचल के इलाकों में लाखों ऐसे लोग हैं जिनके कागजात बाढ़ में बह गए। उनके पास कोई भी कागजात नहीं है, ऐसे में वह कहां से अपने कागजात लाएं। यह दूसरे तरह की NRC है। इसके कारण आने वाले दिनों में हमें सिर्फ वोट देने के अधिकार से ही नहीं बल्कि नागरिकता से भी वंचित कर दिया जाएगा। यह लोकतंत्र का काला अध्याय है। इसीलिए हम लोग चाहते हैं कि मतदाता पुनरीक्षण कार्य पर विधानसभा में चर्चा होनी चाहिए। अगर चर्चा नहीं होगी तो हम लोगों का आंदोलन जारी रहेगा।

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