नई दिल्ली: 36 राफेल जेट के सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारम
ण ने शनिवार को कहा कि घोटाला प्रभावित बाफोर्स तोप सौदे और लड़ाकू विमानों की खरीद के बीच तुलना नहीं की जा सकती है. सीतारमण से जब संवाददाताओं ने पूछा कि क्या राफेल समझौते का हश्र बोफोर्स जैसा होगा तो उन्होंने कहा, ‘‘इसकी (राफेल सौदा) तुलना भी बोफोर्स से मत कीजिए. यहां कोई घोटाला नहीं हुआ है.’’
सीतारमण ने कहा कि सोमवार से संसद के बजट सत्र के दौरान अगर कांग्रेस राफेल जेट खरीद के मुद्दे को उठाती है तो उसका स्वागत है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसका (कांग्रेस द्वारा मुद्दा उठाने का) स्वागत करूंगी.’’ कांग्रेस राफेल मुद्दे पर सरकार पर हमलावर रही है और उसका दावा है कि उसके शासनकाल में जो सौदा हुआ था वह मोदी सरकार द्वारा 36 राफेल जेट की खरीद से ज्यादा सस्ता था. मोदी सरकार ने फ्रांस से 58 हजार करोड़ रुपये में 36 राफेल जेट का सौदा किया है.
रक्षा मंत्री नेे यह भी कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान एयरोनेटिक्स लि. (एचएएल) को तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) का उत्पादन बढ़ाना होगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार ने किसी अन्य लड़ाकू जेट को लेकर यह परियोजना नहीं छोड़ी है. निर्मला ने यह भी कहा कि सरकार ‘मार्क दो’ संस्करण का इंतजार कर रही है और कई देशों ने एचएएल द्वारा विकसित स्वदेशी विमान में रुचि दिखाई है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने हल्के लड़ाकू विमान एलसीए को नहीं छोड़ा है। हमने तेजस की जगह किसी और लडाकू जेट के लिये कदम नहीं उठाया. एचएएल को एलसीए की उत्पादन क्षमता बढ़ानी होगी.’’
फिलहाल एचएएल सालाना करीब आठ तेजस विमानों का उत्पादन कर रहा है. रक्षा मंत्रालय इस एकल इंजन बहु-भूमिका वाले विमान का उत्पादन बढ़ाकर 18 विमान सालाना करना चाहता है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें पूरा भरोसा है कि तेजस मार्क दो सैन्य बलों के एकल इंजन वाले लड़ाकू विकान की जरूरतों को पूरा करेगा.’’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस विमान की निर्यात संभावना पर भी गौर कर रही है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार वायुसेना के लड़ाकू विमानों की कम होती स्क्रवैड्रन को बढ़ाने के लिये लड़ाकू जेट के बेड़े की खरीद को लेकर वैश्विक निविदा की प्रक्रिया जल्द शुरू कर सकती है. भारतीय वायुसेना के पास फिलहाल 31 लड़ाकू विमान की स्क्वैड्रन है जबकि अधिकृत संख्या 42 है. भारतीय वायुसेना ने 40 तेजस मार्क-1 संस्करण का ऑर्डर दिया है. इस संबंध में कुल 50,000 करोड़ रुपए की लागत से 83 तेजस मार्क-1 संस्करण खरीदने के लिये एचएएल को दो महीने पहले अनुरोध प्रस्ताव दिया गया है. रक्षा मंत्री का यह बयान रक्षा प्रतिष्ठानों में इस रिपोर्ट के बीच आया है कि तेजस वायुसेना की युद्ध तैयारियों को बनाये रखने के लिये पर्याप्त नहीं है और उसे किसी भी संभावित सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिये तुंरत विदेशी एकल इंजन वाले लड़ाकू विमान के बेड़े की जरूरत है.
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