राजनाथ सिंह ने कहा – चीन से फेसऑफ के लिए मंडारिन सीखें हमारे जवान

चीन के साथ लगातार सीमा संघर्ष के बीच ITBP के जवानों के लिए चीनी भाषा मंदारीन सिखाने का काम शुरू किया गया है. यह घोषणा खुद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की. राजनाथ सिंह ITBP के 56वें स्थापना दिवस समारोह में भाग ले रहे थे.

वहीं समारोह में आईटीबीपी के जवानों का उत्साह बढ़ाते हुए गृहमंत्री ने कहा कि हिमवीरों की शहादत हमें हमेशा प्रेरणा देती रहेगी. भारत चीन सीमा की निगरानी ITBP के कंधों पर है. राजनाथ सिंह ने कहा, ”भारत-चीन सीमा पर मैं ख़ुद गया हूं. वहां पर माइनस 40 डिग्री का तापमान होता है. इसके बावजूद निगरानी का जिम्मा ITBP के जवान बखूबी निभाते हैं.” राजनाथ सिंह ने बताया कि ITBP का चीन की सेना के साथ फेस ऑफ होता रहता है. ऐसे में अब ITBP के जवानों को बेसिक ट्रेनिंग में मंदारीन लैंग्वेज सिखना भी शामिल किया गया है.

राजनाथ सिंह ने इस प्रोग्राम में कहा कि अपने दौरे के दौरान उन्होंने लद्दाख की एक चौकी पर रुकने का निर्णय किया, हालांकि अधिकारियों ने इसके लिए मना किया था और कहा था कि आपके लिए ठीक नहीं है.” राजनाथ ने आगे बताया कि उस दौरान उन्होंने सुबह के समय उस इलाके में पंछी स्नान किया था, यानी जैसे पंछी पानी छूकर निकल जाते है वैसा स्नान.

गृहमंत्री ने कहा कि सरकार इस फ़ोर्स के लिए कई बड़ी योजनाओं पर काम कर रही है. 50 नई ITBP की बीओपी बनाने का लिए प्रस्ताव आया है, जल्द ही इसको गृह मंत्रालय पूरा करेगी. उन्होंने ITBP द्वारा हिमालय के सीमावर्ती क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के निर्माण में तेजी से किए जा रहे विकास कार्यों की भी तारीफ की.

इंटीग्रेटेड बीओपी बनाने का काम चल रहा है. इसमें जवानों के रहने के लिए 20 डिग्री तक तापमान रखने की कोशि‍श की जाएगी. भारत चीन सीमा पर मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए भी सरकार काम कर रही है. अब जवान सीमा पर से अपने परिवार से बात करना चाहते हैं तो उनको एक रुपया प्रति मिनट के कॉल दर से बात करने को मिलेगा. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा भारत चीन सीमा पर रहने वाले नागरिकों की हमे चिंता करनी है. वहां रहने वाले लोग देश के लिए स्ट्रैटिजिक असेस्ट्स हैं.

भारत तिब्बत सीमा पुलिस के 56वें स्थापना दिवस की परेड आईटीबीपी की 39वीं वाहिनी ग्रेटर नोएडा में आयोजित की गई. इस दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जवानों को सलामी दी. परेड में महिला टुकड़ी सबसे आगे थी. उसके बाद ITBP के कमांडो, पर्वतारोहण, एंटी नक्सल ऑपरेशन ,पैराट्रूपर्स, माउंटेड कॉलम के साथ-साथ अन्य फ्रंटियर की टुकड़ियां शामिल थी.

ITBP ने हाल ही में शामिल किए गए स्नो स्कूटर, ऑल ट्रेन व्हीकल इसुजु जी 5 और विभिन्न प्रकार के एसयूवी वाहन आदि को पहली बार अपने इस मार्च पास्ट में शामिल किया है. गृहमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस पर बड़ा कदम उठाया है कि सीमा पर जो जवान शहीद होते हैं उनके लिए कम से कम एक करोड़ रुपये मिले. डीजी ITBP आर के पचनन्दा ने स्थापना दिवस के मौके पर कहा कि जल्द ही इंटेलिजेंस ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक ITBP अपनी ख़ुफ़िया जानकारी भारत चीन सीमा पर और मजबूत करने के लिए इस तरीके के कदम उठा रही है।

आपको बता दें कि स्थापना दिवस के मौके पर 6 पदाधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और 26 अन्य पदाधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदकों से विभूषित किया गया. पशुओं हेतु विशेष पदक की श्रेणी में बेसिक ट्रेनिंग सेंटर भानु से “ब्लैक ब्यूटी” और 39वीं वाहिनी के छत्तीसगढ़ से मछली डॉग को बल से श्रेष्ठ पशु घोषित किया गया है. 208 सफल पर्वतारोहण अभियानों का अनूठा रिकॉर्ड बनाने के बाद अब ITBP ने हाल ही में माउंट धौलागिरी और गंगोत्री( तृतीय) चोटियों पर दोबारा सफलतापूर्वक आरोहण किया है.

डोकलाम विवाद के बाढ़ मैंडरिन का बढ़ा महत्व

आपको बता दें कि सिक्किम के नजदीक डोकलाम में चीनी सेना और भारतीय सेना की बीच तनातनी वाले के बाद से ITBP के जवानों को मंदारीन यानी चीनी भाषा सिखाई जा रही है. ITBP इसके लिए मसूरी के ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में एक डिपार्टमेंट खोल रहा है, जिसमें चीनी भाषा जानने वाले ITBP के अधिकारियों और जवानों की तैनाती शुरू की जा चुकी है.

पहले फेज में 12 लोगों की तैनाती की जाएगी जो चीनी भाषा मंदारीन को पहले से ही सीख चुके हैं. जानकारी के मुताबिक़ वर्तमान समय में 200 से 250 अधिकारी और जवान जेएनयू से चीनी भाषा सीख चुके हैं. इन सीखे हुए अधिकारी और जवानों को ITBP ने सीमा पर अलग-अलग जगहों पर तैनात किया हुआ है.

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