उत्तर प्रदेश के मऊ सदर से विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब से यूपी की जेल में शिफ्ट करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का गाजीपुर के मुहम्मदाबाद की विधायक अलका राय ने स्वागत किया है। पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट की आभारी हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को वह धन्यवाद देती हैं।
विधायक अलका राय ने कहा कि योगी सरकार में गुंडे और माफिया बच नहीं पाएंगे। उन्हें न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना ही पड़ेगा। बताया कि उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को तीन-चार बार पत्र लिखा था। पत्र में अनुरोध किया था कि मुख्तार अंसारी जैसे अपराधी को पंजाब की सरकार न बचाए।
हालांकि प्रियंका और पंजाब सरकार ने उनकी एक न सुनी। अलका राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, भारतीय न्याय व्यवस्था और प्रदेश की योगी सरकार पर उन्हें पूरा भरोसा है। अपराधी कितने भी हथकंडे क्यों न अपना लें लेकिन वह बच नहीं पाएगा।
वर्ष 2019 में पंजाब की जेल में शिफ्ट होने से पहले मुख्तार के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट सहित अन्य प्रकरणों में कार्रवाई हो चुकी है। हालांकि हत्या जैसे गंभीर किस्म के दस ऐसे आपराधिक मुकदमे हैं, जिनमें से छह में इन दिनों अदालत में ट्रायल चल रहा है।
मुख्तार के खिलाफ दर्ज मुकदमों में सबसे अहम मऊ के दक्षिण टोला थाने का 2009 का ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना सिंह हत्याकांड है। इस वारदात के चश्मदीद गवाह उनके मुनीम राम सिंह मौर्य और उसके गनर सतीश की भी एक साल बाद हत्या कर दी गई थी। इस मुकदमे का ट्रायल अंतिम दौर में है। अगस्त 1991 में वाराणसी के कांग्रेस नेता अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या कर दी गई थी। हत्या का मुकदमा चेतगंज थाने में दर्ज किया गया था। मुकदमे में इस समय गवाही चल रही है।
प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में मुख्तार के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के गाजीपुर जिले के तीन और मऊ के एक मुकदमे में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है। गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में में मुख्तार के खिलाफ फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाने के दो मुकदमों में अभी आरोप तय होना बाकी है।
इसके अलावा आजमगढ़ के तरवा थाने में हत्या, गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में हत्या का प्रयास, वाराणसी के भेलूपुर थाने में धमकाने, गाजीपुर के करंडा व मोहम्मदाबाद थाने और मऊ के दक्षिण टोला थाने में गैंगेस्टर एक्ट के तीन मुकदमों में भी मुख्तार आरोपी है।