अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने साफ कर दिया है कि भले ही देश में डेल्टा वैरिएंट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन, मास्क को लेकर उसकी पहले दी गई गाइडलाइन में किसी तरह का कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। सीडीसी के डायरेक्टर रोशेल वेलेंस्की ने ये जवाब उस सवाल के जवाब में दिया है जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या डेल्टा वैरिएंट के मामले बढ़ने की वजह से मास्क को लेकर पहले से जारी गाइडलाइन में सीडीसी कुछ बदलाव कर रहा है। गौरतलब है कि सीडीसी ने मई में जारी अपनी गाइडलाइन में कहा था कि पूरी तरह से वैक्सीनेट हो चुके लोगों को अब अधिकतर सार्वजनिक जगहों पर मास्क लगाने की कोई जरूरत नहीं है।
इस बारे में व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जेन प्साकी ने कहा कि इस बारे में कोई भी निर्णय सीडीसी ही लेगा। वहीं राष्ट्रपति जो बाइडन का इस बारे में कहना था कि एस्पर्ट इस पर स्टडी कर रहे हैं। इसके बाद ही कुछ बदलाव होगा। बाइडन ने व्हाइट हाउस में हुई एक प्रेस वार्ता में बताया कि वो जो चाहेंगे करेंगे। इस बारे में हर चीज को ध्यान में रखते हुए कोई बदलाव किया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि इस बारे में सरकार सांइस को पूरी तरह से फॉलो कर रही है। राष्ट्रपति ने ये भी कहा कि सीडीसी इस बारे में वैक्सीनेट न होने वाले स्कूली बच्चों को सलाह देगा कि वो स्कूल में मास्क लगा कर रखें। आपको बता दें कि अमेरिका में स्कूलों का नया सेशल शुरू होने वाला है इसको देखते हुए ही ये सलाह देने की बात कही गई है।
वेलेंस्की ने बताया है कि देश में पिछले वर्ष के मुकाबले सामने आने वाले नए मामलों में करीब 53 फीसद की तेजी देखी गई है। डेल्टा वैरिएंट जिसका पहला मामला भारत में सामने आया था, अमेरिका के करीब 80 फीसद मामलों के लिए जिम्मेदार बताया गया है। दुनिया के अब तक करीब 90 देशों में इसके मामले सामने आ चुके हैं। अमेरिका में कई जगहों पर अस्पताल पूरी तरह से मरीजों से भर गए हैं और वहां पर अन्य मरीजों को दाखिल करने की जगह नहीं है। फ्लोरिडा, टेक्सास और मिसूरी में देश के कुल मामलों के करीब 40 फीसद मामले सामने आ रहे हैं। वेलेंस्की ने मामलों के बढ़ने की एक बड़ी वजह कुछ राज्यों में वैक्सीनेशन का कम होना बताया है।
व्हाइट हाउस में कोविड-19 टास्क के डायरेक्टर जैफ्री जेंट्स ने बताया है कि अमेरिका आने वाले समय में करीब एक करोड़ वैक्सीन दूसरे देशो को दान में देगा। जून में व्हाइट हाउस की तरफ से आठ करोड़ वैक्सीन दूसरे देशों के लिए डब्ल्यूएचओ को दान में देने की घोषणा की गई थी। इस मौके पर मौजूद इंफेक्शियस डिजीज एक्सपर्ट डॉक्टर एंथनी फॉसी ने कहा कि जिन लोगों ने जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन ली है उन्हें अब फाइजर और मॉर्डना की वैक्सीन की खुराक लेने की कोई जरूरत नहीं है।