हनोई। युद्ध के करीब 40 साल बाद दोस्ती के माहौल में अमेरिका का विमानवाहक पोत मार्च में वियतनाम के तट पर पहुंचेगा। यह दुश्मन से दोस्त बनने का पल होगा। माना जा रहा है कि चीन को घेरने के लिए अमेरिका ने वियतनाम से अपने संबंधों की कटुता भुलाई है। वियतनाम के रक्षा मंत्रालय की ओर से यह घोषणा अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस के दौरे के समय हुई है।
अमेरिकी विमानवाहक पोत वियतनाम के मध्यवर्ती बंदरगाह डेनांग के नजदीक लंगर डालेगा। सन 1975 में खत्म हुए दोनों देशों के युद्ध के बाद यह पहला मौका होगा जब कोई अमेरिकी सैन्य पोत या दस्ता वियतनाम आएगा। रक्षा मंत्री मैटिस ने कहा, यह हमारे रक्षा संबंधों के रचनात्मक दिशा में आगे बढ़ने का संकेत होगा। यही सही रास्ता है। मैटिस ने यह बात वियतनाम के राष्ट्रपति त्रान दाई क्वान से मुलाकात के बाद कही। वाशिंगटन में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कैप्टन जेफ डेविस ने विमानवाहक पोत की यात्रा पर फैसला लिए जाने की पुष्टि की है।
अमेरिका और वियतनाम के बीच सैन्य संबंधों के विकास को चीन के खिलाफ पेशबंदी के तौर पर देखा जा रहा है। दक्षिण चीन सागर पर कब्जे को लेकर हाल के वर्षो में चीन ने जिस प्रकार का आक्रामक रवैया अख्तियार किया है उससे पूरा पूर्वी एशिया बेचैन है। चीन के रुख से वियतनाम भी चिंतित है। अमेरिकी नौसेना के प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख एडमिरल हैरी हैरिस ने पिछले हफ्ते नई दिल्ली में भारत और जापान के सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक करके गठजोड़ को मजबूत करने पर विचार किया। माना जा रहा है कि यह गठजोड़ चीन की आक्रामकता के जवाब में तैयार हुआ है।
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