गृह युद्ध से जूझ रहे म्यांमार के पांच हजार से अधिक विद्रोही पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में पिछले दो दिनों में घुस आए हैं। म्यांमार के सीमावर्ती राज्य में चिन में सेना ने विद्रोही लड़ाकों पर हवाई हमले करके उन्हें भारतीय सीमा में खदेड़ने की कोशिश की है। पुिलस महानिरीक्षक (आईजी) लाल बियाक्थांगा ने बताया कि म्यांमार की सीमा से लगे दो भारतीय गांवों में इन सभी ने वहां से भाग कर शरण ली है।
म्यांमार सेना के जवान भी घुसे
इन लोगों के साथ ही म्यांमार की सेना के 43 जवान भी घुस आए थे। इनमें से कम से कम 40 जवानों को कुछ ही घंटों के अंदर भारतीय सेना ने म्यांमार की सेना को सौंप दिया है। म्यांमार में जुंटा की सेना और विद्रोही लड़ाकों की ताजा लड़ाई के दौरान हुए हवाई हमले के बाद भारत की केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की भी नए घटनाक्रम पर पैनी नजर है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि भारत-म्यांमार की दुर्गम सीमा के बीच म्यांमार से घुसपैठ पूरी तरह से रोक पाना मुमकिन नहीं है।
चुनाव के चलते मिजोरम में जारी है हाई अलर्ट
करीब 150 किलोमीटर दूरी तक की सीमा प्राकृतिक जटिलताओं और चुनौतियों से भरी हुई है। इस इलाके की सुरक्षा की जिम्मेदारी असम राइफल्स की है। स्थानीय प्रशासन और खुफिया एजेंसियां मिजोरम में म्यांमार के नागरिकों पर नजर रख रही हैं। हाल ही में हुए चुनाव के चलते मिजोरम में पहले से हाई अलर्ट है। मिजोरम की राजधानी आइजल में आइजी लाल बियाक्थांगा ने बताया कि वहां से आए म्यांमार वासियों में करीब बीस लोग घायल हैं और उनमें से एक घायल की सोमवार की रात मौत हो चुकी है।
फिलहाल म्यांमार की सेना की तरफ से कोई हलचल नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी शांति है लेकिन कहा नहीं जा सकता कि म्यांमार की सेना यहां हवाई हमला करेगी या नहीं। लाल बियाक्थांगा ने बताया कि म्यांमार के 42 जवान जोखवथार में घुस आए और मिजोरम की पुलिस के समक्ष आत्मसर्मपण किया। उन्हें केंद्रीय बल असम राइफल्स के हवाले किया गया। अंत: केंद्रीय बल ने इनमें से 40 म्यांमार के जवानों को म्यांमार की सेना को सौंप दिया है। बाकी सैनिकों को भी वापस भेजा जाएगा।
विद्रोहियों ने किया हमला
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रविवार से म्यांमार की सेना और विद्रोही गुटों के बीच जारी भीषण युद्ध के दौरान करीब 2500 से 5000 लोग म्यांमार के चिन राज्य से भागकर भारतीय राज्य मिजोरम में आ गए हैं। चंपाई के उपायुक्त जेम्स लारिनछना ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि म्यांमार के दो सीमवर्ती सैन्य अड्डों रिखंद्वार और खमावी में म्यांमार के विद्रोहियों ने हमला किया है।
इसके जवाब में म्यांमार की सेना ने इन दो स्थानों पर दो हवाई हमले किए। इन हवाई हमलों में विद्रोही संगठन पीडीएफ के सात लोगों की मौत हुई है। उल्लेखनीय है कि सीमावर्ती ताउ नदी जोखवथार (भारतीय क्षेत्र) और खमावी (म्यांमार) की सीमा को बांटती है। रिखंद्वार जोखवथार से केवल चार किलोमीटर दूर है। म्यांमारी सेना जुंटा के 2021 के तख्तापलट के बाद सत्ता में आने के बाद से उनका विद्रोहियों से यह अब तक का सबसे बड़ा संघर्ष है।
शुरुआती जीत से बढ़े हुए हौसले
म्यांमार के जुंटा विरोधी लड़ाकों ने भारत से लगे चिन प्रांत पर कड़े संघर्ष के दौरान दो सैन्य पोस्ट पर कब्जा कर लिया। इस शुरुआती जीत से उनके हौसले बढ़े हुए हैं। म्यांमार के बहुत से विद्रोही भारत के मिजोरम राज्य के दो शिविरों में रह रहे हैं। म्यांमार के एक विद्रोही गुट चिन नेशनल फ्रंट (सीएनएफ) के उपाध्यक्ष सुई खार ने मंगलवार को कहा कि संघर्षरत इस क्षेत्र से भारत में प्रवेश सरल है।
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर से ही तीन विद्रोही गुट म्यांमार के सैन्य शासन से पूरी ताकत से दिन-रात लड़ रहे हैं। उनका आपरेशन 1027 इसी तारीख में शुरु हुआ था। जुंटा नियंत्रित क्षेत्र शान राज्य चीनी सीमा से लगा हुआ है। यहां के कई कस्बों की सौ से अधिक चौकियों से म्यांमार की सेना को पीछे हटना पड़ा है।