एजेंसी/ नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में एक सामूहिक बलात्कार और हत्या का एक ऐसा खौफनाक मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर किसी के रूह कांप जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार भले ही महिला सुरक्षा के दावे करती हो लेकिन मुख्यमंत्री के सरकारी आवास 5 कालीदास मार्ग के सामने वहशी दरिंदो ने एक छात्रा से गैंगरेप व हत्या की वारदात को अंजाम देखर अखिलेश यादव सरकार की पोल खोलकर रख दी है. हवस के प्यासे दरिंदे उस लड़की का शरीर उसकी मौत के बाद तक नौंचते रहे.
शायद यह देश का पहला ऐसा वाक्या होगा जिसने पुलिस प्रशासन के पैरों तले से जमीन खिसका दी हो. इस गैंगरेप में जो सच सामने आया है वो बहुत ही भयानक है . डीएनए जांच में सामने आया है कि छात्रा से 21 लोगों ने बालात्कार किया था. इतना ही नहीं उसकी मौत होने के बाद भी दरिंदे कुत्तो की तरह उसके शरीर को नोंच रहे थे. छात्रा के सैम्पल से 21 लोगों के सैम्पल मैच होने की आशंका के बाद पुलिस के होश उड़ गए हैं. यही वजह है कि पुलिस जांच रिपोर्ट को गोपनीय रखते हुए पड़ताल कर रही है और सदगुरु, दीपू, माइकल व नसीर के अलावा अन्य बालात्कारियों की तलाश में जुटी हुई है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस मामले में अब तक दो रिक्शा चालक सदगुरु और दीपू के अलावा गोल्फ क्लब के कैडी माइकल व नसीर पर ही छात्रा से गैंगरेप व हत्या का अरोप था. पुलिस ने इन सभी चारों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया है. बता दे की इसी साल 15 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास के सामने जंगल में जानकीपुरम में रहने वाली 12वीं की स्टूडेंट की लाश मिली थी. पहले पुलिस इसे आत्महत्या बता रही थी।
लेकिन जब पोस्टमार्टम हुआ तो उसके साथ गैंगरेप की बात सामने आई. यहां तक रिपोर्ट में इस बात की भी पुष्टि हुई थी कि छात्रा की मौत के बाद भी उसके साथ बालात्कार किया गया था. इस मामले में पुलिस ने घटना स्थल के करीब ही झोपड़ी बनाकर रहने वाले रिक्शा चालक हैदरगढ़ निवासी सदगुरु और दीपू को गिरफ्तार किया था. पुलिस का दावा था कि सदगुरु के घर छात्रा का मोबाइल फोन व कपड़े बरामद हुए थे. बाद में पूदछात होने पर सदगुरु और दीपू ने घटना में माइकल व नसीर के भी शामिल होने की बात कबूल की थी.
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