सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि जब तक नोटबंदी को असंवैधानिक करार नहीं दिया जाता, तब तक किसी को 500 और 1000 के पुराने नोट जमा कराने की इजाजत नहीं दी जा सकती। वहीं केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि उन लोगों के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं होगी, जिनके पास 500 और 1000 के पुराने नोट हैं।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि नोटबंदी अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती वाली याचिकाओं पर संविधान पीठ सुनवाई करेगी। जब तक संविधान पीठ इसको असंवैधानिक करार नहीं कर देती हम 500 और 1000 के पुराने नोट को जमा कराने की इजाजत कैसे दे सकते हैं?
तय समय के भीतर पुराने नोटों को जमा न करने के पीछे किसी का विदेश में होना, सशस्त्र सेना के जवानों की दूरदराज जगहों पर पोस्टिंग आदि वजहों को ही मान्य वजह माना गया है। सुप्रीम कोर्ट 14 लोगों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जो तय समय के भीतर पुराने नोट बैंकों में जमा नहीं करा पाए थे।
पीठ ने सभी याचिकाकर्ताओं को संविधान पीठ के समक्ष याचिकाएं दायर करने को कहा है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पीठ के समक्ष कहा कि जो याचिकाकर्ता अदालत गए हैं, उनके खिलाफ पुराने नोट रखने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।