मोदी ने चाय बेची या नहीं यह हमें नहीं मालूम, मगर उनका यही रवैया रहा तो वे एक दिन देश ज़रूर बेच देंगे। ईस्ट इंडिया कंपनी और ‘मोदी ऐंड कंपनी’ में कोई अंतर नहीं रह गया है।
जो लोग मटन बदल देने से, वीडियो बदल देने से सोचते हैं कि देश बदल रहा है, वे जनता को बेवकूफ़ समझने की भूल कर रहे हैं। जब एक-एक चीज़ राजनीति से तय हो रही है, तोे आपको अपनी राजनीति तय करनी पड़ेगी। दुबले-मोटे, ग़रीब-अमीर, सबके वोट की क़ीमत में जब कोई फ़र्क नहीं है, तो उनके बाल-बच्चों की शिक्षा में फ़र्क क्यों?
कन्हैया ने PM मोदी पे साधा निशाना
जब तक आप जैसे चाहने वाले, सच बोलने पर पीठ ठोकने वाले हमारे भाई- बहन, दोस्त-अभिभावक हमारे साथ हैं, हमारा हौसला कभी कमज़ोर नहीं होने वाला। हम ‘सबको शिक्षा, सबको काम’ की लड़ाई मुस्तैदी से लड़ते रहेंगे और सामाजिक व सांप्रदायिक सौहार्द स्थापित करने के लिए जान की बाजी लगा देंगे, मगर इस देशविरोधी सरकार के कुकृत्यों व जनविरोधी नीतियों की असलियत बताना बंद नहीं करेंगे।
दिनकर के इन शब्दों में हमारे आंदोलन का संदेश छिपा है:
“शांति नहीं तब तक जब तक सुख-भाग न नर का सम हो
नहीं किसी को बहुत अधिक हो नहीं किसी को कम हो।”
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