मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के 43वां जन्म दिन है और इस मौके पर प्रदेश भर के 42 बंदियों की रिहाई की गई है। इसमें कई ऐसे भी बंदी हैं जिनकी समय पूर्व रिहाई के लिए लाइसेंस जारी किया गया है
फतेहपुर जिले के जहानाबाद कस्बा निवासी सतीश केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ में निरुद्ध है। गुरुवार को उसकी रिहाई के लिए विशेष सचिव कारागार सत्येन्द्र कुमार सिंह ने केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक को लाइसेंस भेजा। 70 वर्षीय बंदी सतीश की पत्नी शशि बाजपेयी को उसका अभिभावक नियुक्त किया गया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश है भाग्यशाली
भाग्यशाली सिर्फ मुख्यमंत्री सतीश ही नहीं बल्कि संभल जिले के गुन्नौर थाना क्षेत्र का प्रेमी भी है जो केंद्रीय कारागार बरेली में निरुद्ध है। बरेली के अधीक्षक को शासन ने उसका लाइसेंस भेजा है। 77 वर्षीय प्रेमी का अभिभावक उसके पुत्र रमेश को बनाया गया है। बरेली में ही निरुद्ध संभल के गुन्नौर निवासी जानकी की रिहाई के लिए लाइसेंस जारी करते हुए उसका अभिभावक उसके पुत्र अमरवीर को बनाया गया है। हरिद्वार निवासी बंदी अशोक कुमार उर्फ खरगोश और आगरा जिला कारागार में निरुद्ध आगरा, सदर निवासी महिला बंदी बबली के लिए भी लाइसेंस जारी किया गया है।
क्या है लाइसेंस की नियमावली
यूपी प्रिजनर्स रिलीज आन प्रोबेशन एक्ट, 1938 (सन 1938 का एक्ट-आठ) की धारा-दो के अंतर्गत राज्यपाल बंदी को लाइसेंस के द्वारा मुक्त किये जाने की अनुज्ञा प्रदान करते हैं। नियम के तहत समय पूर्व रिहाई के लिए दिए जाने वाले लाइसेंस में बंदी के अभिभावक नियुक्त किये जाते हैं। खराब आचरण पर यह लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है लेकिन अगर पहले निरस्त नहीं हुआ तो बंदी की मौत तक प्रभावी रहता है। लाइसेंस की अवधि में अभिभावक के अधिकार में बंदी की देखरेख होगी।
अभिभावक को यह जिम्मेदारी दी जाती है कि वह लाइसेंसी के चाल-चलन की निगरानी करे और अगर वह खराब आचरण करे तो डीएम को इसकी रिपोर्ट करे। बंदी के फरार हो जाने पर निकटतम थाने में रिपोर्ट कर कार्रवाई होगी और लाइसेंस निरस्त करा दिया जाएगा। लाइसेंस निरस्त होने पर दोबारा जेल में निरुद्ध होना पड़ेगा।
जमानत देने पर भी रिहाई के आदेश
विशेष सचिव सत्येन्द्र कुमार ने केंद्रीय कारागार आगरा के सिद्धदोष बंदी सालिग राम की समय पूर्व रिहाई के आदेश भेजे हैं। निर्देश है कि जिला मजिस्ट्रेट, आगरा को दो संतोषजनक जमानतें तथा उतनी ही धनराशि का मुचलका प्रस्तुत करने पर बंदी को रिहा कर दिया जाए। इसी तरह मुरादाबाद के सिद्धदोष बंदी कृपाल सिंह की रिहाई जमानत राशि जमा करने पर किए जाने के निर्देश दिए गये हैं।
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