यह मामला 1988 का है। दो साल के बाद यह जमीन एक को-ऑपरेटिव सोसाइटी के नाम कर दी गई। अहमदाबाद पुलिस की ओर से जमीन घोटाले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी के समक्ष बेटी की ओर से दायर याचिका के बाद जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने पाया है कि बेटी के आरोप पूरी तरह सही हैं और इस मामले में अहमदाबाद के बोपाल पुलिस थाने में आधिकारिक शिकायत दर्ज की गई है।
इस शिकायत में मृतक महिला के अलावा, गांव के रेवेन्यू ऑफिसर और तत्कालीन समय के गांव के कुछ नेताओं के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने इन सभी लोगों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। इस मामले में शिकायत दर्ज कराने की टाइमिंग लेकर पुलिस में भी कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।
पुलिस सूत्रों के कहना है कि पुलिस का काम सिर्फ जांच करना है कि घोटाला वास्तव में हुआ भी है या नहीं। पुलिस का काम शिकायत के वक्त पर सवाल उठाना नहीं है। अहमदाबाद ग्रामीण के एसपी निर्लिप्त राय ने कहा, ‘आरोपी मृतक महिला के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। अन्य जीवित आरोपियों के खिलाफ जांच की जा रही है।’