बाटी-चोखा कच्चा वोट, दारू मुर्गा पक्का वोट। वाह रे गरीब तुम दारू पीते हो और मुर्गा खाकर वोट देते हो और ये दिल्ली-लखनऊ जाने वाले नेता 5 साल तुम लोगों को मुर्गा बनाकर घुमाते हैं। तुझे नाली खड़ंजा और शौचालय के नाम पर दौड़ाते हैं लेकिन बनवाते नहीं। ये तेरी दुर्गति का कारण है। 
ये बिगड़े बोल हैं योगी सरकार के पिछला वर्ग कल्याण एवं दिव्यांग जनसशक्तिकरण कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के। वे बलरामपुर के त्रिमुहानी रेहरा बाजार में आयोजित अति पिछड़ा, अति दलित भागीदारी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब चुनाव आता है तो गरीब राष्ट्रपति से भी बड़ा हो जाता है लेकिन फिर उसकी हालत वही हो जाती है।
राजभर ने कहा कि जाति के नाम पर नहीं बल्कि गरीबी के आधार पर आरक्षण दिया जाना चाहिए क्योंकि हर जाति में गरीबी है। ओबीसी आरक्षण कोटे का लाभ केवल कुछ जातियों तक ही सीमित हो गया है। शिक्षा से गरीबी दूर की जा सकती है। सभी को बच्चों की शिक्षा के लिए यथासंभव प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ओबीसी के आरक्षण में संशोधन के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार को प्रस्ताव देकर मांग की गई है कि इसमें पिछड़ी, अतिपिछड़ी व सर्वाधिक पिछड़ी कटेगरी निर्धारित आरक्षण का लाभ दिया जाए। उन्होंने कहाकि शिक्षा में बेटा व बेटी में अंतर न करें। बेटा-बेटी को समान शिक्षा दिलाएं। शिक्षा से गरीबी दूर होने के साथ-साथ विकास का मार्ग भी प्रशस्त होता है।
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