स्विंग के सुलतान भुवनेश्वर कुमार हमेशा से गेंद को अंदर और बाहर की तरफ स्विंग कराने का फार्मूला जानते थे, लेकिन अब वह डैथ ओवरों में रफ्तार मिलने से अपने आपको और भी ज्यादा घातक गेंदबाज मानते हैं. भुवनेश्वर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कल 6.1 ओवरों में नौ रन देकर 3 विकेट लिए जिनमें डेविड वॉर्नर का बड़ा विकेट शामिल है.
भुवनेश्वर ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘जब मैं पहली बार टीम में आया तो मुझे स्विंग गेंदबाजी के अनुकूल हालात की जरूरत होती थी. डेब्यू के एक साल बाद मैं अपनी रफ्तार बढ़ाना चाहता था, लेकिन पता नहीं था कि कैसे करूं. ’’ अपनी रफ्तार बढ़ाने का श्रेय उन्होंने अनुकूलन कोच शंकर बासु को दिया है.
भुवनेश्वर ने कहा ,‘‘ शंकर बासु ने मुझे अलग-अलग तरह के प्रशिक्षण से अवगत कराया जिससे मेरी काफी मदद हुई.’’ अपने स्पैल के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘मैने इस तरह की गेंदबाजी की रणनीति बनाई थी. पहली गेंद फेंकते ही मुझे पता चल गया कि गेंद को स्विंग मिल रही है.
भुवी ने बताया, ”मुझे पता था कि वॉर्नर अच्छे आउट स्विंगर्स का सामना नहीं कर पाएंगे. मैंने इसलिए उन्हें ऑफ स्टंप के बाहर गेंद डाली.’’ आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद टीम में वॉर्नर के साथ खेलने का अनुभव भी उनके काम आया.
भुवनेश्वर ने कहा,‘‘ मुझे पता था कि उसकी ताकत और कमजोरियां क्या है. आईपीएल से इसका पता चल जाता है, लेकिन उसके खिलाफ सही रणनीति बनाना जरूरी था.’’ उमेश यादव और मोहम्मद शमी के बाहर होने से भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई का जिम्मा भुवनेश्वर पर आ गया है लेकिन वह इस नजरिये से नहीं देखते.
भुवनेश्वर ने कहा ,‘‘ मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं प्रीमियर गेंदबाज हूं, क्योंकि हम सभी काफी मेहनत कर रहे हैं और जिसको भी मौका मिलता है, वह अच्छा प्रदर्शन करना चाहता है. सहयोगी स्टाफ भी काफी मेहनत कर रहा है. गेंदबाजों के कार्यभार का भी ध्यान रखा जा रहा है.’’
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