जो सभ्य लोग वेश्यावृत्ति को अभिशाप मानते है और इसको सभ्य समाज के लिए एक कलंक मानते है ! वही लोग दिन ढलने पर इन वैश्याओ के साथ पकडे जाते है ! जब भी वेश्यावृत्ति की बात होती है तो हमारे मन में प्रश्न उठता है कि आखिर वेश्यावृत्ति में लिप्त लड़कियां कौन होती है ! देश में इसकी शुरवात कब, कहाँ, कैसे और क्यूँ हुई होगी ? आइये आज इस रहस्य से पर्दा उठाकर जानकारी देने की कोशिश करते है कि देश के अंदर वेश्यावृत्ति का काला इतिहास कैसे प्रारम्भ हुआ !
वेश्यावृत्ति जिसका आधुनिक नाम “रेड लाइट एरिया” भी है ! इस वेश्यावृत्ति के व्यापार में लडकियों को काम करवाने के लिए देश के दूर दराज गाँवों में या फिर किसी शहर के साथ लगे किसी छोटे से गाँव में से लडकियों को भविष्य के सुनहरे सपने दिखाकर या पैसे कमाने का लालच देकर लाया जाता है ! फिर उनको इस वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेलने के लिए मजबूर कर दिया जाता है !
प्राचीन भारत में वेश्यावृत्ति के इतिहास की बात करे तो देश में प्रभावशाली और आर्थिक संपन्न नगर के सेठ लोग किसी लड़की का चुनाव करते थे और उसको नगरवधू का नाम देते थे ! नगरवधु एक ऐसी स्त्री होती थी जिसका विवाह किसी से भी नहीं किया जाता था लेकिन नगर के संभ्रांत परिवार के पुरुषो की वो दूसरी वधु मानी जाती थी ! प्राचीन भारत में नगर वधुओ का उपयोग नृत्य कला, गायन और मनोरंजन के लिए किया जाता था ! लेकिन जैसे जैसे समाज में कुरूति बढती गई नगर वधुओ का कार्य भी बदलता गया ! लोग पहले इनसे सिर्फ नृत्य, गायन और मनोरंजन का काम लेते थे ! बाद में इनके साथ सं-भोग करने लगे और धीरे धीरे इन नगरवधुओ को वेश्यावृत्ति की तरफ धकेला गया !
साहित्य किताब “मृछकतिका” में एक नगरवधु आम्रपाली के बारे में विस्तार से लिखा गया है ! आम्रपाली भारत की सबसे प्रसिद्द नगरवधु मानी जाती है, और लोग आज भी आम्रपाली को याद करते है !
वेश्यावृत्ति के लिए विदेशी स्त्रियों को लाया गया
भारत में जब मुग़ल काल का शासन प्रारम्भ हुआ तो तवायफों का उपयोग दरबार में पहले नाच गाने, मनोरंजन के लिए किया जाता था ! बाद इन स्त्रियों को रहने के लिए एक कोठी दे दी जाती थी और राजा और उनके दरवार में उच्च पद पर तैनात सैनिक इन कोठियो में जाकर स्त्रियों का संभोग के लिए उपभोग करने लगे !
पति लगातार 4 घंटे करता रहा सेक्स फिर भी पत्नी की नहीं बुझी आग तो किया ये काण्ड…
16-17 वीं शताब्दी में पुर्तगालियो ने गोवा में कब्ज़ा कर लिया था तो जापान से स्त्रियों को गुलाम बना कर गोवा में लाने लगे और पुर्ताली इन स्त्रियों को खरीद लेते थे ! पुर्तगाली इनका उपयोग सेक्स के लिए करते थे ! इसके बाद ब्रिटिश शासन प्रारंभ हुआ तो उन्होंने भी भारत में गरीब परिवार से लडकियों को जबरदस्ती या फिर पैसे के दम पर उठाना शुरू कर दिया और उनसे वेश्यावृत्ति का व्यापार करवाने लगे ! ब्रिटिश अधिकारी अपने सेना के शिविरों के पास ही कोठे खोल देते थे और वहां पर इन स्त्रियों से वेश्यावृत्ति करवाई जाती थी !
19वीं सदी का रेड लाइट एरिया
ब्रिटिश काल के ये बड़े कोठे आज देशभर में हर शहर में खुल गए है ! कहीं पर ये वेश्यावृत्ति खुलेआम होती है तो कही पर चोरी छुपे हो रही है ! अब इन वैश्यलाओ का नाम बदल कर रेड लाइट एरिया हो गया है ! आज भी महाराष्ट्र और कर्नाटक के कई गाँव में “देवदासी बेल्ट” की लड़कियां इस वेश्यावृत्ति में लिप्त है ! इसके अतिरिक्त देश में कई प्रसिद्द बड़े रेड लाइट एरिया है जिसमे से बंगाल का सोनागाछी, मुंबई का कमाटीपुरा, दिल्ली का जीबी रोड, आगरा का कश्मीरी मार्केट, ग्वालियर का रेशमपुरा आदि भारत के नाम पर एक काला धब्बा जैसे लगते है ! कई वर्ष व्यतीत हो गए लेकिन आज भी यह प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे ये रेड लाइट एरिया फलफूल रहे है और सरकार कुछ नहीं कर पाती ! कई बार संसद में इन सांसद इन रेड लाइट एरिया को वैध करने के लिए लाइसेंस देने की बात भी करते रहते है !