हम में से अधिकांश लोग ट्रांसजेंडर लोगों के संपर्क में आते हैं जिन्हें भारत में हिजड़े के नाम से जाना जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि क्या ट्रांसजेंडर व्यक्ति गर्भवती हो सकता/सकती है?
गुणसूत्रों में असामान्यता होने के कारण ट्रांसजेंडर लोग ऐसे गुणसूत्रों के साथ पैदा होते हैं जिसके कारण वे किसी निश्चित लिंग के अंतर्गत नहीं आते। उदाहरण के लिए ऐसा हो सकता है कि एक ट्रांस-महिला जिसे जन्म के समय लड़का बताया गया था परन्तु उसका व्यक्तित्व महिला जैसा हो, उसके गुणसूत्र XY होते हैं जो वास्तव में पुरुष के गुणसूत्र हैं, परन्तु उसमें गर्भाशय नहीं है।
उसी प्रकार एक ट्रांस-पुरुष में XX गुणसूत्र पाए जाते हैं परन्तु उनमें गर्भाशय और ओवरीज़ होती हैं। हालाँकि उनमें कुछ पुरुषीय गुण भी पाए जाते हैं जैसे आवाज़ गहरी होना तथा कुछ लोगों में अंदर की ओर पुरुषों के गुप्तांग भी विकसित होते हैं।
गर्भावस्था और हिजड़ा होना
अत: XX गुणसूत्र वाले हिजड़े पुरुष के गर्भ धारण करने की संभावना होती है क्योंकि उसमें ओवरीज़ और गर्भाशय होता है। हालाँकि यदि कोई ट्रांस-महिला गर्भवती होना चाहती है तो उसे कई मेडिकल प्रक्रियाओं से गुज़ारना पड़ता है जैसे उसके पेट में भ्रूण प्रत्यारोपित करना तथा हार्मोन थेरेपी देना आदि।
ऐसा भी देखा गया है कि ट्रांस महिलाओं में इस प्रकार की गर्भावस्था बहुत खतरनाक हो सकती है तथा संभवत: उनके जीवन को खतरा भी हो सकता है क्योंकि भ्रूण के विकास के कारण आसपास के अंग भी प्रभावित हो सकते हैं।
इसके अलावा ट्रांस-महिलाओं में इस प्रकार की अस्थानिक गर्भावस्था के कारण कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसमें भ्रूण बाहर विकसित किया गया हो क्योंकि ट्रांस-महिलाओं में गर्भाशय नहीं होता। यदि इसका उपचार न किया जाए तो यह जानलेवा सिद्ध हो सकता है।
अत: गर्भावस्था केवल ट्रांस-पुरुषों में ही संभव है यदि उनकी ओवरीज़ और गर्भाशय क्रियाशील हों। विशेष प्रकार के हार्मोनल उपचार के द्वारा उनकी गर्भावस्था एकदम सामान्य और स्वस्थ हो सकती है। हालाँकि ट्रांसजेंडर लोगों के प्रति समाज का रवैया नकारात्मक होने के कारण अनेक ट्रांस-पुरुष गर्भ धारण करने और परिवार बनाने से कतराते हैं। वे डरते हैं कि समाज में इसके परिणाम उनके बच्चों को भुगतने पड़ेंगे।