उन्हें कहा जाता है कि समय के साथ या तो दर्द ठीक हो जाएगा या फिर दर्द को सहना सीख लो। कुछ रूढ़िवादी परिवारों में तो ये भी कहा जाता है कि उन्हें इस दर्द का पहले से परीक्षण दिया जा रहा है जो कि उन्हें बाद में बच्चा पैदा करते वक्त होगा। जो लड़की खुद एक बच्ची है और स्कूल की परीक्षाओं की तैयारी कर रही है उसे बच्चा पैदा होने के बारे में बताया जाता है। अगर उन्हें दर्द ज्यादा होता है पेन किलर दे दिया जाता है। दर्द के चलते वो स्कूल भी नहीं जा पातीं और पढ़ाई पर इसका असर पड़ता है।
लैंगिक समानता को लेकर हमारे पास कई कानून हैं। यहां तक कि लिंग भेदभाव पर सजा भी मिलती है लेकिन प्रकृति के इस कानून के खिलाफ हम कुछ नहीं कर सकते। इस मामले में हम कभी मना नहीं कर सकते कि पुरुष और महिलाएं अलग हैं। उनकी शरीर रचना और शरीर क्रिया अलग हैं। उनकी शारीरिक समस्याएं भी अलग हैं।
दवा सीधे तौर पर पेट या पीठ में नहीं पहुंचती, वो आपके खून में घुल जाती है और पूरे शरीर में फैल जाती है। अधिक समय तक इसका सेवन करने से आपके शरीर पर क्या असर होगा ये एक तर्क का विषय है लेकिन मनुष्य को आराम चाहिए होता है। गुरुजी अयंगर का कहना है कि जिस चीज को सहना मुश्किल होता है उसका इलाज योग से संभव है और उसे ही सहें जिसका इलाज संभव नहीं।
मासिक धर्म में होने वाले दर्द में आराम पहुंचाने के लिए कुछ योगासन हैं। इनका रोज अभ्यास करना चाहिए खासकर मासिक धर्म के दिनों में। आज मैं आपको बद्ध कोनासन के बारे में बताऊंगा, जो हर महिला को प्रत्येक दिन 5 से 7 मिनट तक करना चाहिए। लोगों को हमेशा ये बताया जाता है कि योगासन खाली पेट करना चाहिए लेकिन ये आसन खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है।
- जमींन पर बैठें और अपने पैरों को सामने की तरफ फैलाएं
- हाथ की उंगलियों और अंगूठे के सिरे (टिप्स) को कूल्हों के किनारे रखते हुए जमींन पर दबाव डालें। इसकी मदद से छाती और कंधे को ऊपर उठाएं। आप हल्का सा कूल्हों को भी ऊपर की तरफ उठा सकती हैं।
- ऐसा करते वक्त आप सुनिश्चत हों कि आप बिल्कुल नितंब की हड्डियों पर बैठे हों।
- अगर आप नितंब की हड्डियों पर बैठने में सक्षम नहीं हो पा रही हैं तो आप जिस कपड़े के आसन पर बैठकर योग कर रही हैं उसे 6 से 8 बार और मोड़ लें और एकबार फिर हाथ की उंगलियों और अंगूठे के सिरे की मदद से छाती और कंधे को ऊपर की तरफ उठाएं।
- घूटने से अपने पैरों को मोड़ लें और इसे जघन हड्डी (प्यूबिक बोन) के पास ले जाएं। घुटनों को चौड़ा करते हुए एक दूसरे से अलग रखें।
- पैरों के तलवों को आपस में ऐसे जोड़ें जैसे कि आप उनसे नमस्कार कर रही हों।
- बाएं पैर के निचले हिस्से को अपने बाएं हाथ से पकड़ें और दाएं पैर के निचले हिस्से को अपने दाएं हाथ से पकड़ें और पैरों के तलवों को जघन हड्डी (प्यूबिक बोन) के जितना नजदीक हो सके लेकर आएं।
- जब आप अपने पैरों के तलवों को पास ला रहे हों तो ये सुनिश्चित र
हे कि आपके कंधे का निचला हिस्सा और पेट ऊपर की तरफ उठा हो और नी चे न गिरे। - ये बद्ध कोनासन है। अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और 4 से 5
मिनट तक इसी अवस्था में बैठे रहें। - अगर आप इसे करते हुए थकान महसूस
कर रहीं हैं तो इस आसान को दीवा र के सहारे भी किया जा सकता है। बस अपनी पीठ को दीवार के सहारे रखें और योग करें।
ये आसन किसी मोची के बैठने के तरीके को दर्शाता है। हालांकि ये आसन महिलाओं के लिए लाभदायक है लेकिन ये पुरुषों की भी मदद करता है। महिलाएं और लड़कियां