उत्तरकाशी: चमियारी के ग्रामीणों के लिए सोमवार का दिन बेहद खास रहा। पहली बार कोई जिलाधिकारी चमियारी में आए। डीएम ने न केवल धैर्य से ग्रामीणों की समस्याएं सुनी, बल्कि उन समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन भी दिया। डीएम के आश्वासन के बाद सड़क निर्माण को चल रहा आंदोलन भी ग्रामीणों ने समाप्त कर दिया।
उत्तरकाशी के सुदूरवर्ती गांव उलण बजियाड़ा को सड़क से जोड़ने समेत 16 मांगों को लेकर चमियारी गांव में 60 दिनों से ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान सोमवार को खुद चमियारी गांव पहुंचे तो ग्रामीणों को राहत मिली।ग्रामीणों ने डीएम को बताया कि वर्ष 1989 में स्वीकृत चमियारी उलण बजियाड़ा मोटर मार्ग का निर्माण 35 साल बाद भी नहीं हो पाया है। इस मार्ग के निर्माण के लिए ग्रामीण वर्ष 2002 से आंदोलन कर रहे हैं। पीपल खंडा में तंबू लगा कर गांव के चार बुजुर्ग 60 दिनों से क्रमिक अनशन कर रहे थे।
इन ग्रामीणों का आंदोलन सुदूरवर्ती क्षेत्र में होने के कारण इनकी समस्या पर प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा था। सोमवार से ग्रामीण शेर सिंह ने मौन व्रत के साथ ही भूख हड़ताल भी शुरू कर दी थी। सोमवार शाम को जिलाधिकारी डॉ. चौहान तथा लोनिवि के अधिकारी मौके पर पहुंचे। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी और जल्द निराकरण का आश्वासन दिया।
लोनिवि के अधिकारियों ने कहा कि छह माह के अंतराल में उलण मोटर मार्ग निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित की जाएगी। इस मौके पर आंदोलन के सूत्रधार शिवशंकर पैन्यूली ने कहा कि चमियारी के लिए सोमवार का दिन बेहद खास रहा। चमियारी क्षेत्र में पहली बार कोई जिलाधिकारी पहुंचा है तथा ग्रामीणों की समस्याओं को सुना है।
चमियारी की प्रधान वृंदा देवी ने बताया कि ग्रामीणों का यह आंदोलन सफल रहा है। उन्होंने यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत, जिलाधिकारी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर शेर सिंह राणा, इंद्रदेव पैन्यूली, तारादत्त, लीलानंद बिजल्वाण, पूर्णानंद मिश्रा, पूनम पैन्यूली, आनंद मिश्रा, विष्णु मिश्रा, रामव्यास मिश्रा आदि मौजूद थे।