
रविवार को राजधानी में उत्तरांचल यूनिवर्सिटी, तुलाज इंस्टीट्यूट, माया इंस्टीट्यूट और टीसीएसआईओएनएस सेंटर में कैट परीक्षा सुबह दस बजे शुरू हुई। परीक्षा दो पालियों में हुई। पहली पाली सुबह दस से दोपहर एक बजे तक और दूसरी पाली दोपहर तीन से शाम छह बजे तक चली।
परीक्षा के लिए चार केंद्रों पर 2365 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, जिनमें से 2083 ने कैट का एग्जाम दिया। परीक्षा में अच्छी बात यह रही कि वर्ष 2015 से शुरू हुआ आसान गणित का सिलसिला इस बार भी जारी रहा।
लगातार तीसरे साल गणित के सवाल सबसे आसान रहे, जिससे काफी हद तक इस बार कैट क्वालिफाई करने वालों में इंजीनियरों के बजाय दूसरी ब्रांच के छात्र भी सामने आएंगे। परीक्षा विशेषज्ञ एवं कॅरियर लांचर के निदेशक अमित मित्तल ने बताया कि प्रश्न पत्र तीन भागों में बंटा था।
प्रश्नपत्र के हर भाग को हल करने के लिए अभ्यर्थियों को 60-60 मिनट का समय दिया गया था, लेकिन एलआरडीआई के भाग में ही अभ्यर्थी उलझे रह गए। एलआरडीआई के पांच सेट थे। इनमें से जिस अभ्यर्थी ने दो सेट भी हल किए होंगे, समझो वह कैट में अच्छा स्कोर करेगा।
वहीं, परीक्षा विशेषज्ञ एवं टाइम इंस्टीट्यूट के निदेशक राजीव कुकरेजा का कहना है कि एलआरडीआई की वजह से स्टूडेंट्स को परेशानी जरूर हुई, लेकिन इस बार कैट की कटऑफ 160 के आसपास रह सकती है। यानी इतने अंकों पर 95 या इससे ऊपर परसेंटाइल आ सकती है।
परीक्षा देने वाले छात्र आकाश रावत ने बताया कि मैथ तो आसान था, लेकिन एलआरडीआई सबसे मुश्किल थी। निकिता का कहना है कि इस बार अंग्रेजी भी अपेक्षाकृत आसान थी, लेकिन लॉजिकल रीजनिंग ही सबसे मुश्किल रही।
सर्दी में नंगे पांव दिया एग्जाम
अमूमन सामान्य परीक्षाओं में मोबाइल फोन, ईयर फोन, माइक्रोफोन और घड़ी ले जाने की सख्त की मनाही रहती है, लेकिन कैट परीक्षा में जूते पहनकर जाने की मनाही थी। लिहाजा जो छात्र चप्पल पहनकर आए थे, उन्हें परेशानी नहीं हुई। लेकिन जूते पहनने वाले अभ्यर्थियों को नंगे पांव कमरे में जाना पड़ा।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal