अच्छी किस्मत पाना कौन नहीं चाहता। लोग कई बार इसकी कीमत भी चुकाते हैं। वे पुरानी परंपराएं और टोटके करते हैं। रस्में-रिवाज निभाते हैं। लेकिन अगर उन्हें इसके लिए सेक्स करना पड़े और वह भी ऐसी जगह, जहां इसे टैबू माना जाता हो तब क्या होगा। दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया के सेंट्रल जावा में गुनुंग केमुकस (Gunung Kemukus) है, जिसे सेक्स माउंटेन के रूप में भी जाना जाता है। यह धार्मिक स्थल माना जाता है। परंपरा के मुताबिक लोग यहां अजनबियों के साथ सेक्स करते हैं।
डेटलाइन (Dateline) के वीडियो जर्नलिस्ट पैट्रिक अबाउड (Patrick Abboud) ने यहां की अनोखी परंपराओं को ऑस्ट्रेलियाई चैनल ‘एसबीएस वन’ पर अपनी स्टोरी के जरिए उजागर किया था। उनके मुताबिक, परंपरा निभाने के लिए 35 दिनों तक लोगों को सेक्स करना पड़ता है। वे ऐसा लगातार सात बार करते हैं। छोटी सी जगह पर रात में तकरीबन आठ हजार लोग एकजुट होते हैं।
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यह परपंरा 16वीं सदी से चली आ रही है। लोगों का मानना है कि अजनबियों के साथ सेक्स करने से उनकी किस्मत रोशन हो जाएगी। यही कारण है कि इसमें शादीशुदा मर्द, गृहणियां, सरकारी अधिकारी और वेश्याएं तक शामिल होती हैं। वहीं, मुस्लिमों को यह परपंरा बेहद अजीब लगती हैं। वह बताते हैं कि 16वीं सदी में इंडोनेशिया के राजकुमार का उसकी सौतेली मां से अफेयर हो गया था। वे पहाड़ी पर भाग गए, जहां दोनों ने सेक्स किया। लेकिन बाद में वे पकड़े गए और मार कर जला दिए गए।
अब उसी जगह पर पवित्र स्थल बना दिया गया है। चूंकि राजकुमार और उसकी सौतेली मां को सेक्स के बीच में पकड़ लिया गया था, इसलिए ऐसा माना जाता है कि जो इस प्रक्रिया (सेक्स) को पूरा करता है उसकी किस्मत बदल जाती है। अबाउड को यहां पश्चिमी देशों से तो कोई नहीं दिखा, लेकिन इंडोनेशिया के लोग अपनी किस्मत बदलने की उम्मीद से जरूर आते मिले।
परंपरा इतनी प्रचलित हो गई है अब यह स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुकी है। सरकार ऐसे में वहां जाने के लिए पैसे लेती है। अबाउड बताते हैं कि यहां महिलाओं के मुकाबले मर्द ज्यादा हैं। ऐसे में यह जगह वेश्याओं के लिए एक अड्डा बन चुकी है। स्टोरी के सिलसिले में वह जब सेक्स माउंटेन पर थे, तो उन्हें भी सेक्स वर्कर ने संबंध बनाने के लिए पूछा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
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यहां आईं मारदिया, जो कि विधवा थीं और आर्थिक संकट से जूझ रही थीं उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्होंने सात बार यह परंपरा निभाई है। उनका व्यापार पहले से ठीक चल रहा है। हो सकता है कि यह इसी का नतीजा हो। वह बताती हैं कि यहां आने वाले लोग ज्यादा बात नहीं करते। उन्हें डर सताता है कि कहीं उनकी बीवियों को इस बारे में पता न चल जाए।
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