मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार पंजाब को सुरक्षित और संरक्षित राज्य बनाने के लिए चल रहे अभियान के बीच मंत्री भगवंत मान, अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने एक अतर्राज्यीय संगठित अपराध गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के सरगना और चार सदस्यों को खरड़ स्थित एक फ्लैट से गिरफ्तार किया गया है।
पंजाब पुलिस के महानिदेशक (डी.जी.पी.) गौरव यादव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि गिरोह के सरगना की पहचान अमृतसर के प्रेम नगर निवासी जय शर्मा उर्फ सुक्खा पिस्तौल अंबरसरी के रूप में हुई है। गिरोह के 4 सदस्यों की पहचान अमृतसर के संधू कालोनी निवासी निखिल शर्मा उर्फ लाला, अमृतसर के कोट खालसा निवासी मोनी, हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के श्री नैना देवी निवासी अर्पित ठाकुर और करण शर्मा के रूप में हुई है।
उन्होंने बताया कि आरोपी सुक्खा पिस्तौल का आपराधिक इतिहास रहा है। उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट, स्नैचिंग और चोरी से संबंधित 7 मामले दर्ज हैं। पुलिस टीमों ने उनसे दो .32 बोर पिस्तौल, 3 मैग्जीन और 8 जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं।
जी.जी.पी. गौरव यादव ने कहा कि विश्वसनीय सूचना मिली थी कि आरोपी सुक्खा पिस्तौल अपने साथियों के साथ अवैध हथियार खरीदने के लिए मध्य प्रदेश के खंडवा गया था जिसके बाद पुलिस स्टेशन सिविल लाइन अमृतसर की टीमों ने उनकी गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी।मध्य प्रदेश से लौटने पर पुलिस टीमों ने खरड़ में उनके ठिकाने का पता लगा लिया।
डी.जी.पी. ने कहा, ए.डी.सी.पी. सिटी-2 अभिमन्यु राणा की देखरेख में पुलिस टीमों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए एक फ्लैट पर छापा मारा और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया तथा उनके कब्जे से गोला-बारूद के साथ 2 पिस्तौल बरामद की। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी व्यक्ति प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों पर हमला करने की योजना बना रहे थे। आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बी.एन.एस.) की नई शुरू की गई धारा 111 (संगठित अपराध) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अमृतसर के पुलिस कमिश्नर रंजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि यह आपराधिक गिरोह चोरी, झपटमारी और हथियारों की तस्करी सहित आपराधिक कृत्यों में लिप्त था। इस मॉड्यूल के आगे और पीछे के संबंधों का पता लगाने और एम.पी. आधारित हथियार तस्करों की पहचान करने के लिए आगे की जांच जारी है। और गिरफ्तारियां व बरामदगी की उम्मीद है। पुलिस स्टेशन सिविल लाइन अमृतसर में बी.एन.एस. की धारा-111 और आर्म्स एक्ट की धारा 25(7) के तहत एफ.आई.आर. नंबर दर्ज की गई है।