नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद से अब तक 156 बैंकों के अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। इन पर ये कार्रवाई अपने कार्य में लापरवाही और कालेधन को सफेद करने में शामिल होने आरोपों के चलते किया गया।
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इसके साथ-साथ करीब 41 अधिकारियों का ट्रांसफर भी किया गया। नोटबंदी के बाद अलग-अलग बैंकों से कई ऐसे मामले सामने आए थे जिनमें बैंक के अधिकारी नोटों की अदला-बदली में धांधली और कालेधन को सफेद करने जैसे आरोप लगे थे। तबादला वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में बताया कि नोटबंदी के बाद कई बैंकों के अधिकारी अनियमितताओं में शामिल पाए गए थे। शुरुआती जांच में इन अधिकारियों के गड़बड़ी में शामिल पाए जाने के बाद सरकारी बैंकों से अभी तक 156 बैंक अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है, वहीं 41 अधिकारियों का तबादला भी किया गया। बैंकों ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि अनियमितता के मामलों को देखते हुए पुलिस और सीबीआई के साथ मिलकर 26 आपराधिक मामले भी दर्ज कराए गए हैं। निजी बैंकों की बात करें तो वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि इन बैंकों से जुड़े 11 अधिकारियों को लेन-देन में अनियमितता के आरोपों के चलते निलंबित किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बात की जानकारी दी है। आरबीआई ने बताया कि नोटबंदी के दौरान गैरकानूनी तरीके से बैंकों में नोटों की अदला-बदली के आरोप इन अधिकारियों पर लगे थे। फिलहाल आरोपी अधिकारियों की जांच के लिए आंतरिक जांच का दौर जारी है। साथ ही बैंकों ने पुलिस और सीबीआई के साथ मिलकर शिकायत दर्ज कराई है। अलग-अलग बैंकों में अनियमितता को लेकर अधिकारियों पर की गई इन कार्रवाईयों के बाद आरबीआई ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वो अपने स्टाफ के कार्यों पर नजर रखें, साथ ही किसी भी अनियमितता को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएं। केंद्रीय बैंक की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि बैंकों को आंतरिक ऑडिट के साथ-साथ नोटों की अदला-बदली में किसी भी अनियमितता को रोकने के लिए अचानक जांच की बात कही गई है। बता दें कि 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नोटबंदी का ऐलान करते हुए 500 और 1000 के नोटों पर बैन लगा दिया था। इसके बाद बैंकों में लोगों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिली थी। इसी दौरान कई ऐसे मामले आए थे जिसमें बैंक के अधिकारियों की मिली-भगत से नोटों की अदला-बदली की गई थी।