अंतरिक्ष से दिखती है चीन की दीवार
जी नहीं बिलकुल नहीं ये फर्जी बात है। बेशक चीन की दीवार दुनिया में सबसे लंबी है, लेकिन क्या यह अंतरिक्ष से भी नजर आती है। बिल्कुल नहीं…जहां कहीं भी आपने यह पढ़ा है, पूरी तरह से गलत है। चीन की दीवार ही क्या अंतरिक्ष से पृथ्वी पर बनी कोई इमारत या अन्य चीजें कुछ भी नहीं दिखता। 
सूरज है पीला
अब आपको सूरज पीला दिखता है क्योंकि पृथ्वी पर वातावरण है। सूर्य प्रकाश वातावरण की परतों से गुजरता हुआ प्रकिर्णन के प्रभाव से लाल, केसरिया और पीला दिखायी देता है। इसका मतलब ये समझना कि सूरज का रंग पीला है ये बात गलत है, क्योंकि अंतरिक्ष मे वातावरण नही है इसलिये वहां सूर्य सफेद दिखायी देता है।
एक दिन में पृथ्वी का चक्कर लगाता है चंद्रमा
चंद्रमा काफी तेज चाल में चलता है यह तो सच है लेकिन यह एक दिन में पृथ्वी का चक्कर लगा लेता है यह पूरी तरह से झूठ है। चंद्रमा को यह चक्कर पूरा करने में कुल 27 दिन लगते हैं। इसी वजह से आपको रोज चंद्रमा की आकृति में बदलाव दिखता है।
स्पेस में कुछ भी लड़ने पर आवाज आती है
फिल्मों में आपने अक्सर देखा होगा कि अंतरिक्ष में जब भी कोई दो चीजें टकराती हैं तो जोरदार धमाका होता है। ये फिल्मों के स्पेशल इफेक्ट के लिए तो ठीक है लेकिन वास्तव में ऐसा संभव ही नहीं है। क्यों, क्योंकि आवाज को तैरने के लिए किसी माध्यम यानी हवा की अवाश्यकता होती है, जबकि स्पेस में किसी तरह की कोई गैस या हवा नहीं है। ऐसे में यहां कोई दो वस्तुओं के बीच टकराव से आवाज नहीं आएगी।
बिना सूट पहने अंतरिक्षयात्रियों में हो जाता है विस्फोट
अरे भाई ऐसा नहीं है, ये सच है कि बिना किसी उपकरण या ड्रेस के कोई भी अंतरिक्ष यात्री स्पेस में जीवित नहीं कर सकता, पर उसकी एक खास वजह है जिसका विस्फोट से कोई लेना देना नहीं है। यानि अगर कोई हादसा होता है तो बात अलग है, लेकिन उनके शरीर में विस्फोट कभी नहीं होता। हां इतना जरूर है कि बिना सूट पहने बाहर निकलते ही शरीर में ब्लड सर्कुलेशन रुक जाएगा और शरीर गुब्बारे की तरह फूल जाएगा।
अंतरिक्ष में नहीं होता है गुरुत्वाकर्षण
अंतरिक्ष में हवा और पानी नहीं है यह तो 100 प्रतिशत सच है। लेकिन वहां गुरुत्वाकर्षण नहीं है, यह एक भ्रम है। दरअसलअंतरिक्ष में हर जगह थोड़ा बहुत गंरुत्वाकर्षण होती है। इसी की वजह से चंद्रमा लगातार पृथ्वी का चक्कर लगाता रहता है। यदि गुरुत्वाकर्षण नहीं होता तो चंद्रमा कब का पृथ्वी की कक्षा से आजाद हो चुका होता।
बुध है सबसे गर्म
बुध ग्रह सबसे गर्म है, इस पर आसानी से विश्वास कर लिया जाता है, क्योंकि यह सूर्य के सबसे नजदीक है। वास्तविकता इससे अलग है, क्योंकि किसी ग्रह के सूर्य से दूर या पास होने से उसके तापमान पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता। उन ग्रहों के वातावरण में मौजूद गैसों के चलते वह ठंडा या गर्म होता है। बुध से ज्यादा गर्म तो शुक्र है क्योंकि वहां कार्बन डाई ऑक्साइड गैस की भरमार है।
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