नवरात्रि के नौ दिन देवी मां को समर्पित होते हैं। इन नौ दिनों में देवी के अलग-अलग रूपों की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। नौ दिनों में देवी पूजा से बड़ी से बड़ी परेशानियों आसानी से दूर हो जाती है। माता को प्रसन्न करने के लिए नौ दिनों में दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का जप करना शुभ होता है। अलग-अलग परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का जप करना चाहिए। लेकिन मंत्र के जप करते समय इसकी पवित्रता का जरूर ध्यान देना चाहिए।
कष्ट को दूर करने के लिए दुर्गा सप्तशती के इस मंत्र का जप बहुत उपयोगी होता है।
सर्वा बाधा प्रशमनं त्रैलोक्य स्याखिलेश्वरि।
एवमेव त्वया कार्य मस्म द्वरि विनासनम्।।
परिवार में सुभ और संपन्नता के लिए इस मंत्र का जप करें।
देव्या यया ततमिदं जगदात्मशक्त्या
निश्शेष देवगण शक्तिसमूह मूत्र्या
तामम्बिका मखिल देवमहर्षि पूज्यां
भकत्या नता: स्म विदधातु शुभानि सा न:
डर दूर करने के लिए और साहस, पराक्रम में वृद्धि के लिए
यस्या: प्रभावमतुलं भगवाननन्तो
ब्रह्मा हरश्च न हि वक्तुमलं बलं च।
सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनाय
नाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु।।
मंत्र जप में रखें विशेष सावधानी
वैसे तो पूजा में किसी भी मंत्रो का जप बड़ी सावधानी से करना चाहिए लेकिन दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का जप करते समय मंत्रों का सही उच्चारण करना चाहिए। अगर मंत्र के जप में कोई परेशानी आ रही है तो किसी योग्य ब्राह्राण से मंत्रों का जाप करवाएं।