सरदार सरोवर नर्मदा बांध के सामने साधू बेट टापू पर बनी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को करेंगे। आम जनता के लिए यह एक नवंबर से खुलेगा। ऑनलाइन टिकट बुकिंग शनिवार से शुरू हो गई है।
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के पास तीन किलोमीटर का वैली ऑफ फ्लाॅवर बनाया गया है, जहां पर दुनिया के विविध फुलों की नस्ल के साथ नमो फूल भी देख सकेंगे। 55 मंजिला, करीब 600 फीट विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के ह्रदयस्थल 153 मीटर की ऊंचाई तक लोग लिफ्ट से पहुंचकर वहां से 138 मीटर ऊंचे सरदार सरोवर बांध को देख सकेंगे। प्रतिमा के सामने एक विजिटर गैलेरी भी बनाई गई है जहां से एक साथ 200 लोग प्रतिमा को निहार सकेंगे। सरदार पटेल जयंती 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी इस भव्य प्रतिमा को देश को समर्पित करेंगे।
युवाओं के लिए यहां सेल्फी पॉइन्ट बनाए गए हैं। साथ ही, आदिवासी संस्कृति, वैली ऑफ फ्लॉवर, आधुनिक सुविधाओं से युक्त टेंट सिटी, सरदार स्मारक में उनके जीवन पर आधारित ऑडियो वीडियो प्रदर्शन आकर्षण के केनद्र होंगे। ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुरू हो चुकी है, प्रति व्यक्ति 350 रुपये का टिकट रखा गया है। आम जनता के लिए स्टेच्यू ऑफ यूनिटी एक नवंबर से खुलेगा। सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट जल्द ही एक एप भी जारी करेगी, जिससे भी टिकट बुक किया जा सकेगा।
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के समारोह में नहीं शामिल होंगे शंकर सिंह वाघेला
पूर्व मुख्यमंत्री व दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मार्केटिंग के लिए लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का उपयोग हो रहा है। वाघेला ने बताया उन्हें समारोह का आमंत्रण मिला है, लेकिन वे नहीं जाएंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री वाघेला ने गांधीनगर अपने निजी आवास वसंत वगडो पर पत्रकारों से कहा कि भाजपा की केंद्र व गुजरात सरकार ने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी बनाकर अपना प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। वाघेला ने कहा कि नर्मदा में बस रहे आदिवासी जिन्होंने सरदार सरोवर बांध व प्रतिमा के लिए अपनी जमीन दी है उन परिवारों के लिए पानी, शिक्षा व स्वास्थ्य की चिंता सरकार को करनी चाहिए।
वाघेला ने कहा कि उन्हें सरदार पटेल जयंती पर होने वाले स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के समारोह का आमंत्रण मिला है, लेकिन वे उसमें शामिल नहीं होंगे। वाघेला का कहना है कि सरकार को लोगों के विकास की चिंता करनी चाहिए, उनसे किए गए वादे पूरे करने की चिंता करनी चाहिए।