भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह पिछले लंबे समय से भारतीय टीम से बाहर हैं. हरभजन सिंह हिंदी समाचार चैनल आजतक के साथ जुड़े हुए हैं, जहां पर वह एक क्रिकेट एक्सपर्ट के तौर पर अपनी बात रखते हैं.
हरभजन सिंह शनिवार को आजतक के एक कार्यक्रम हल्ला बोल के वीकेंड स्पेशल पर एंकरिंग करते हुए नजर आए. जहां उन्होंने भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर्स के साथ टीम इंडिया और भारत के आगामी इंग्लैंड दौरे को लेकर चर्चा की.
हरभजन के साथ पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन, पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान, आकाश चोपड़ा और निखिल चोपड़ा मौजूद थे. हरभजन सिंह ने यहां मौजूद सभी पूर्व खिलाड़ियों से पूछा कि क्या टीम इंडिया इस बार इंग्लैंड को उसी की सरजमीं पर मात देगी.
इस पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर निखिल चोपड़ा ने कहा कि ‘मौजूदा टीम इंडिया में इतना दमखम है कि वह इंग्लैंड को उसी के घर में हरा सकती है.’ चोपड़ा ने कहा, ‘भारतीय टीम के पास दो अच्छे कलाई के स्पिनर्स हैं, जो इंग्लैंड के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं.’
निखिल चोपड़ा ने कहा, ‘इंग्लिश बल्लेबाज स्पिनर्स के खिलाफ बहुत कमजोर हैं. ऐसे में भारतीय टीम के लिए कलाई के स्पिनर्स अहम साबित होंगे.’ पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहररुद्दीन ने कहा, ‘भारतीय टीम और इंग्लैंड में कांटे की टक्कर होगी और यह कहना मुश्किल है कि कौन सी टीम फेवरेट है.’
अजहररुद्दीन ने कहा, ‘मौजूदा टीम काफी संतुलित है और वह यहां बहुत खराब खेलेगी तो ही हार सकती हैं नहीं तो इस टीम को रोकना मुश्किल है.’ आकाश चोपड़ा ने कहा, ‘इंग्लैंड में टीम इंडिया के लिए पांचवां बॉलर अहम होगा.’
हरभजन सिंह ने कहा कि क्या वनडे में नंबर चार बैटिंग पोजीशन पर युवराज सिंह जैसा बल्लेबाज टीम में होना चाहिए, क्योंकि अब भी यह चिंता का विषय है. इस पर निखिल चोपड़ा ने कहा, ‘लोकेश राहुल ने हाल ही में अच्छा प्रदर्शन किया है. वनडे में वह इस नंबर पर अच्छा कर सकते हैं.’
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कहा कि ‘नंबर चार पर सुरेश रैना के तौर पर एक बाए हाथ का बल्लेबाज टीम इंडिया के लिए बेहतर साबित हो सकता है क्योंकि युवराज सिंह भी इसी नंबर पर खेलते थे.’
इतना ही नहीं हरभजन सिंह ने यो-यो टेस्ट को लेकर भी अपनी बात रखी और पूर्व क्रिकेटरों से सवाल किया कि क्या यह टेस्ट, क्रिकेटर की फॉर्म और टैलेंट से बढ़कर है. इस पर सभी ने अंबति रायडू वाले मामले को लेकर प्रतिक्रिया दी और कहा टीम में चयन के बाद उन्हें यो-यो टेस्ट की वजह से बाहर किया जाना निराशाजनक रहा.