फ्लाइट की तर्ज पर ही ट्रेनों का किराया भी मांग बढ़ने पर बढ़ सकता है. त्योहार के दौरान ट्रेनों का किराया भी फ्लाइट के टिकट की ही तर्ज पर बढ़ सकता है. रेलवे फिलहाल ऐसी ही तैयारी कर रहा है. वहीं मांग कम होने या कम व्यस्त रूटों पर या फिर बिना पैंट्री वाली ट्रेनों का किराया कम हो सकता है.
बीते दिनों रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने एयरलाइन्स की तर्ज पर ही ट्रेनों का किराया भी घटाने-बढ़ाने की बात कही थी. समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक रेलवे के तीन जोन- पूर्वी, पश्चिमी और पश्चिम-मध्य ने इसको लेकर प्रजेंटेशन तैयार किया है. इसमें मांग के आधार पर किराया तय करने की बात कही गई है.
दीपावली, होली, क्रिसमस या फिर नए साल जैसे मौके पर रेलवे ट्रेनों का किराया बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. वहीं कम व्यस्त रूटों पर चलने वाली या फिर बिना पैंट्री वाली ट्रेनों के किराए में छूट पर भी विचार किया जा रहा है.
रेलवे जोन ने असुविधाजनक समयों (जैसे रात के 12 बजे से तड़के चार बजे और दोपहर एक बजे से पांच बजे) में गंतव्य स्थानों पर पहुंचने वाली ट्रेनों के किराये में यात्रियों को छूट देने की सलाह दी है. उन्होंने शुरुआती चरण और अंतिम चरण में खाली सीटों के किराए में 10-30 फीसदी छूट देने की सलाह दी है.
रेलवे के विभिन्न जोन ने रेलवे को त्योहारी मौसमों और मांग वाले दिनों में अतिरिक्त प्रीमियम शुल्क (10-20 फीसदी) लगाने का भी प्रस्ताव दिया है. प्रेजेंटेशन में सलाह दी गई है कि सप्ताहांतों और दीपावली, दुर्गा पूजा, छठ और क्रिसमस जैसे मौकों पर अतिरिक्त किराया निर्धारित किया जा सकता है, क्योंकि इन मौकों पर यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या अधिक रहती है.
अगर कोई यात्री किसी मार्ग पर अन्य ट्रेनों की तुलना में उच्च गति वाली ट्रेन का चयन करता है तो उसे अतिरिक्त किराया चुकाने को कहा जा सकता है. रेलवे के अलग-अलग जोन ने सलाह दी है कि अतिरिक्त राशि यात्री द्वारा उच्च गति से यात्रा करके बचाए गए प्रति घंटे के हिसाब से तय हो. उन्होंने रात में चलने वाली ट्रेन, पैंट्री कार की सुविधा वाली ट्रेन पर भी प्रीमियम शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया है. इसके अलावा अलग-अलग बर्थ के लिए भी अलग-अलग किराया का प्रस्ताव दिया है. रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि मांग आधारित किराया शुरू करने के लिए अंतिम रूपरेखा 31 दिसंबर को तय की जाएगी.