अमरावती/नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री कार्यालय पर साजिश रचने और अपराधियों की मदद करने का आरोप लगाया है. नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग हो गई. तेदेपा पोलित ब्यूरो के सदस्यों के साथ एक टेलीकॉफ्रेंस के दौरान नायडू ने भाजपा पर तेदेपा के प्रतिद्वंद्वियों का इस्तेमाल कर पार्टी को कमजोर करने और राज्य को राजनीतिक रूप से अस्थिर करने का आरोप लगाया.
तेदेपा सूत्रों के अनुसार, नायडू ने आरोप लगाया कि भाजपा एक तरफ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और दूसरी ओर अभिनेता-राजनेता पवन कल्याण की मदद से नाटक चला रही है. नायडू ने कहा कि वाईएसआर कांग्रेस के महासचिव विजय साईं रेड्डी पीएमओ के चक्कर लगा रहे हैं जिससे तेदेपा और राज्य के खिलाफ साजिश का पता चलता है.
उन्होंने भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपी वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख वाई.एस जगमोहन रेड्डी और विजय साईं रेड्डी की तरफ इशारा करते हुए कहा, “ए1 और ए2 से मुलाकात कर पीएमओ लोगों को क्या संदेश देना चाहता है.” उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस पर भाजपा के इशारे पर काम करने के अपने आरोप को दोहराते हुए कहा, “पीएमओ में यह आर्थिक मुजरिम क्या कर रहे हैं?” नायडू ने यह भी कहा कि पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले के आरोपी नीरव मोदी जैसे लोगों के पास देश छोड़ने की अनुमति थी.
नायडू ने कहा कि वह राज्य के वैध अधिकार सुनिश्चित करने के लिए एक ‘‘धर्मयुद्ध’’ लड़ रहे हैं और तेदेपा की विश्वसनीयता के चलते राष्ट्रीय स्तर पर पार्टियां राजग सरकार के खिलाफ उनकी पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर रही हैं. तेदेपा के भाजपा नीत राजग छोड़ने और लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के कुछ घंटे बाद नायडू ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि वह अब आगे बढ़ेंगे एवं राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न पार्टियों को साथ लाएंगे.
तेदेपा प्रमुख ने कहा कि उन्होंने अभी तक किसी भी पार्टी से सम्पर्क नहीं किया है लेकिन ‘‘तेदेपा की विश्वसनीयता’’ के चलते वे अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम हमारे राज्य के वैध अधिकारों के लिए केंद्र के खिलाफ एक धर्मयुद्ध लड़ रहे हैं. तेदेपा की राष्ट्रीय स्तर पर एक विश्वसनीयता है इसलिए कई पार्टियां हमें समर्थन के लिए आगे आ रही हैं. मैं जल्द ही उन लोगों से बात करूंगा जो हमारा समर्थन करने को तैयार हैं.’’
इससे पहले मुख्यमंत्री ने विधानपरिषद में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून के क्रियान्वयन पर एक अल्प चर्चा पर बोलते हुए तेदेपा के राजग छोड़ने के कारण समझाए. उन्होंने कहा, ‘‘ हम बंटवारे के बाद हमारे राज्यों के हितों के संरक्षण के लिए ही राजग में शामिल हुए थे. हमने इस उम्मीद से चार वर्ष तक इंतजार किया कि केंद्र सभी वादों का सम्मान करेगा लेकिन उसने हमसे केवल अन्याय किया.’’
इधर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि केन्द्र सरकार आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे के बराबर विशेष पैकेज देने को लेकर वचनबद्ध है और इसका तौर तरीका तय करने के बारे में केंद्र ने राज्य सरकार के जवाब का लंबा इंतजार किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. जेटली ने यह बात आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी तेलुगू देशम के केन्द्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन( राजग) से अलग होने के एक दिन बाद कही है.
जेटली ने कहा कि राज्य को विशेष पैकेज देने और उसके तौर तरीकों को लेकर सितंबर 2016 में ही सहमति बन गई थी लेकिन राज्य सरकार ने इस साल जनवरी में कोष प्राप्ति के तरीके में बदलाव लाने की सलाह दी. इसके लिये भी केन्द्र राजी था लेकिन इसके बाद राज्य की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ एक समाधान उनके समक्ष रखा गया था. अब यह आंध्र प्रदेश पर निर्भर है कि वह संसाधन लेना चाहते हैं या फिर वह( इसमें) एक मुद्दा खड़ा करना चाहते हैं.’’ तेलुगू देशम पार्टी आंध्र प्रदेश के लिये वृहद वित्तीय सहायता की मांग करती रही है. आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद राज्य को हुए नुकसान की भरपाई के लिये वह केन्द्र से सहायता मांगती रही है.
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