नई दिल्ली : तिल सर्दी के मौसम का शक्तिप्रद खाद्य है। गर्भवती महिला को तिल न खिलाएं। इससे गर्भ गिर सकता है। काले तिल उत्तम होते हैं। तिल चर्म को साफ करने वाले, दूध बढ़ाने वाले, मस्तिष्क शक्तिवर्धक है। तिल शब्द से तेल शब्द का चलन हुआ है।
तिल धोकर ही खाने के काम में लेने चाहिए। कान- सात दिन में एक बार दोनों कानों में तीन-तीन बूंद तेल की डालें। इससे कान स्वस्थ रहेंगे। सुनने की शक्ति अच्छी रहेगी।
वात रोग- तिल का तेल की मालिश करने से वात रोग में लाभ होता है।
बिस्तर में पेशाब- तिल खाने या तिल से बनी गजक, रेवड़ी, लड्डू खाने से बच्चे बिस्तर में पेशाब करना बंद कर देते हैं।
अधिक पेशाब- दो बार तिल का लड्डू खाने से अधिक पेशाब आना बंद हो जाता है।
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