अफगानिस्तान में तालिबान शासन ने लड़कियों और महिलाओं के विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में बैठने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये परीक्षाएं अगले महीने होने वाली हैं। अफगान समाचार एजेंसी टोलो न्यूज ने बताया कि तालिबान के उच्च शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों को एक नोटिस भेजा है, जिसमें कहा गया है कि अगली सूचना तक लड़कियां परीक्षा के लिए आवेदन नहीं कर सकती हैं। जाहिर है, उन्होंने 1402 (सौर वर्ष) में लड़कियों के विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा के लिए पंजीकरण पर प्रतिबंध लगा दिया है।

TOLO News ने बताया कि कार्यवाहक सरकार ने इससे पहले महिलाओं के गैर-सरकारी संगठनों में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर तालिबान सरकार के खिलाफ नाराजगी फैल गई थी।
तालिबान द्वारा अफगान लड़कियों के लिए विश्वविद्यालय शिक्षा पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगाने के आदेश के बाद, कई मानवीय संगठनों ने इसे रद्द करने की अपील की है। एडुकेशन कैननॉट वेट (ECW), जो संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक संस्था है और आपात स्थिति में शिक्षा के लिए अरबों डॉलर का कोष देती हैं,ने काबुल में तालिबान अधिकारियों से आह्वान किया कि वे अफगान महिलाओं की विश्वविद्यालय शिक्षा को निलंबित करने के अपने फैसले को रद्द करें।
इससे पहले,इस्लामिक सहयोग संगठन ने इस महीने की शुरुआत में महिलाओं के गैर-सरकारी संगठनों में काम करने पर रोक और शिक्षा तक महिलाओं की पहुंच को प्रतिबंधित करने के फैसले पर चर्चा करने के लिए अफगान कार्यवाहक सरकार से मुलाकात की थी।
इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) सहित कई इस्लामिक देशों और संगठनों ने इस्लामी कानून के उल्लंघन के रूप में काम और शिक्षा तक महिलाओं और लड़कियों की पहुंच पर प्रतिबंध की निंदा की है।
15 अगस्त, 2021, जब से तालिबान सरकार सत्ता में आई है, तब से लड़कियों के माध्यमिक विद्यालय जाने पर रोक लगा दी है। इसके अलावा महिलाओं और लड़कियों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया है,कार्यबल के अधिकांश क्षेत्रों से महिलाओं को बाहर कर दिया है और महिलाओं को पार्क, जिम और सार्वजनिक स्नान घरों का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन प्रतिबंधों के जरिए अफगान महिलाओं और लड़कियों को उनके घरों की चार दीवारी तक कैद कर दिया गया है।
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