गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार थमने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का आमना- सामना दिल्ली में हुआ. मौका था संसद पर आतंकी हमले की 16 वीं बरसी का.

सबकी नजरें दोनों नेताओं पर इसीलिए लगी थी क्योंकि तीन दिन पहले ही मोदी और मनमोहन के बीच पाकिस्तान से जुड़े होने के आरोपों पर शब्द वार हुआ था. हालांकि, दोनों नेताओं ने राजनीति से अलग हटकर शहादत को सम्मान दिया.
इस दौरान सरकार और विपक्ष के नेताओं ने आतंक के खिलाफ एकजुट होकर एकता की मिसाल दी. राजनीति से हटकर सभी नेता अलग अंदाज में नजर आए.
इस दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत सत्ता व विपक्ष के कई बड़े नेता मौजूद थे.
कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के बाद राहुल गांधी भी पहली बार दिल्ली आए. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज उनसे इस दौरान बातचीत करती हुई नजर आई.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर भी राहुल से हाथ मिलाकर कुछ इस अंदाज में मिलते हुए दिखाई दिए.
बता दें कि 16 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को आतंकियों ने संसद को निशाना बनाया था. इस हमले में दिल्ली पुलिस के 5 जवान सहित कई सुरक्षा कर्मी शहीद हुए थे. हर साल सरकार और विपक्ष के नेता शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकजुट होते हैं.