नई दिल्ली: बिहार में वर्ष 2013-14 में एससी और एसटी छात्रवृत्ति में कथित घोटाला मामले में वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी एसएम राजू सहित 16 लोगों के खिलाफ निगरानी थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि ब्यूरो ने जांच के दौरान पाया है कि आईएएस अधिकारी राजू कल्याण विभाग के सचिव पद पर जब तैनात थे तब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई थी और उसका बंदरबांट किया गया था।
ब्यूरो के महानिदेशक रवींद्र कुमार ने बताया कि यह मामला वर्ष 2013-14 में छात्रवृत्ति में अनियमितता बरतने का है। निगरानी विभाग ने मिली शिकायत के आधार पर इस मामले की जांच इसी साल मार्च महीने में शुरू की थी। जांच के बाद निगरानी विभाग ने पाया कि अनुसूचित जाति-जनजाति प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति के वितरण में जमकर हेराफेरी की गई है और करोड़ों रुपये की राशि का बंदरबांट की गई है।
उन्होंने बताया कि निगरानी ब्यूरो ने राजू के अलावा, कल्याण विभाग के तत्कालीन विशेष सचिव सुरेश पासवान, सहायक निदेशक इंद्रजीत मुखर्जी, गोन्ना इंस्टीट्यूट के निदेशक, सचिव और अन्य पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।