28 सालों में कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी विकास दुबे ने क्रूरता की कई रोंगटे खड़े कर देने वाली मिसालें खड़ी कीं जिसमें उसका खौफनाक चेहरा सामने आता है. स्कूल के दिनों में ही उसने अपने प्रिंसिपल को तड़पा-तड़पाकर मौत के घाट उतारा था और उनके खून से अपने हाथों को रंगा था.
विकास जिस स्कूल में पड़ता था, उसी के बुजुर्ग प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडेय की वीभत्स हत्या की. प्रिंसिपल के बेटे राजेंद्र ने बताया कि प्रिंसिपल ने बचने की खूब दुहाई दी लेकिन उसने एक नहीं सुनी. हत्या के बाद उसने अपने प्रिंसिपल का खून अपने हाथों में मला था. मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी गुरुवार को कहा कि विकास दुबे बचपन से ही अपराधी प्रवृत्ति का शख्स था.
बता दें कि कानपुर शूटआउट के मोस्ट वॉन्टेड विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया है.
विकास दुबे ने महाकालेश्वर मंदिर की पर्ची कटाई, मंदिर के दर्शन किए और इसके बाद खुद ही सरेंडर कर दिया. विकास दुबे ने 2 जुलाई की रात कानपुर में अपने साथियों के साथ 8 पुलिसवालों को मौत के घाट उतार दिया था जिसमें एक सीओ भी शामिल हैं.
बताया जा रहा है कि विकास दुबे ने बकायदा स्थानीय मीडिया को अपने सरेंडर की खबर दी थी. इसके बाद उज्जैन के महाकाल थाने के पास उसने स्थानीय पुलिस के सामने सरेंडर किया है.
पुलिस ने आरोपी विकास दुबे को गिरफ्तार कर लिया है और उसे महाकाल थाने में लेकर आई है. सरेंडर की खबर के बाद एसटीएफ की टीम उज्जैन रवाना हो गई है.
बताया जा रहा है कि विकास दुबे महाकाल मंदिर के सामने खड़ा था. जैसे ही वहां स्थानीय मीडिया पहुंची तो उसने चिल्लाया कि मैं कानपुर वाला विकास दुबे हूं.
इसके बाद स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. तुरंत उसे गिरफ्तार किया गया और सीधे महाकाल थाने लाया गया.