रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विजयदशमी के अवसर पर गुजरात के कच्छ में शस्त्र पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसके बाद भारतीय सैनिकों को संबोधित किया। इस दौरान राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि, अगर पाकिस्तान की ओर से सरक्रीक क्षेत्र में कोई दुस्साहस किया गया, तो उसे ऐसा निर्णायक जवाब मिलेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे। उन्होंने कहा, भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है, लेकिन सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई जारी रहेगी।
‘भारत न केवल शस्त्रों की पूजा करता है, बल्कि समय आने पर उनका प्रयोग करना भी जानता है’
दशहरा के अवसर पर शस्त्र पूजा से पहले गुजरात के भुज स्थित एक सैन्य अड्डे पर सैनिकों के एक समूह को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, शस्त्रों के प्रति समर्पण आसुरी शक्तियों पर दैवी शक्ति की विजय की महानता को दर्शाता है। इसलिए जब हम शस्त्रों की पूजा करते हैं, तो हम इस शक्ति का उपयोग केवल धर्म और न्याय की रक्षा के लिए करने का संकल्प भी लेते हैं। भगवान राम ने अपने जीवन में इसी संकल्प का परिचय दिया। जब उन्होंने रावण के विरुद्ध युद्ध किया, तो उनके लिए वह युद्ध केवल विजय का साधन नहीं, बल्कि धर्म की स्थापना का साधन था। यहां तक कि जब महाभारत का युद्ध भगवान कृष्ण के मार्गदर्शन में लड़ा गया, तो उसका उद्देश्य पांडवों की विजय सुनिश्चित करना नहीं, बल्कि धर्म की स्थापना करना था। शस्त्रों की पूजा इस बात का प्रतीक है कि भारत न केवल शस्त्रों की पूजा करता है, बल्कि समय आने पर उनका प्रयोग करना भी जानता है।