गुजरात का रण अपने अंतिम दौर में पहुंच रहा है. कांग्रेस-बीजेपी दोनों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंकी हुई है. रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने गुजरात के अलग अलग इलाकों में तूफानी रैलियां कीं.
पीएम मोदी ने आदिवासी बहुल जिले भरूच में जनसभा की तो अमित शाह ने अपनी रैलियों में आदिवासी समाज पर खासा जोर दिया. रापर में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने आदिवासियों के लिए कांग्रेस और बीजेपी के काम का बखान किया. उन्होंने कहा, ‘एक तरफ कांग्रेस का आदिवासियों के उत्थान के लिए ‘जीरो बजट’ और दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की गुजरात सरकार का 67 हजार करोड़ रुपये का आवंटन, इससे कोई भी बता सकता है कि विकास किसको कहा जाता है.
दरअसल, आदिवासी समाज पर बीजेपी इसलिए भी फोकस कर रही है क्योंकि वो सत्ता के शिखर तक पहुंचाने में निर्णायक भूमिका अदा करता है. दूसरी तरफ पटेलों का विरोध भी बीजेपी को सता रहा है, ऐसे में बीजेपी आदिवासियों को साधने में लगी हुई है.
ये हैं चुनावी आकंड़े
गुजरात में आदिवासी वोटरों की संख्या करीब 12 फीसदी है. सूबे में आदिवासियों के लिए 27 सीटें आरक्षित हैं. आदिवासी वोटर कुल 182 सीटों में करीब 40 सीटों पर निर्णायक की भूमिका में रहते हैं. आदिवासी वोटर किसी भी पार्टी के परंपरागत मतदाता नहीं रहे हैं.
सूबे के दक्षिणी इलाके में आदिवासियों का काफी असर है. आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों में से 17 सीटें इसी क्षेत्र से आती हैं. 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इनमें से 8 और बीजेपी ने 7 सीटें जीती थीं.
सूबे की सत्ता से बाहर रहने के बावजूद कांग्रेस इन रिजर्व सीटों पर बीजेपी से आगे रही है. मौजूदा चुनाव में भी कांग्रेस ने आदिवासी समाज में पकड़ मजबूत करने के लिए छोटूभाई वसावा के साथ गठजोड़ किया है. वसावा आदिवासी नेता हैं, जो जेडीयू के टिकट पर विधायक बने थे. हालांकि, राज्यसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी लाइन से अलग जाकर कांग्रेस के उम्मीदवार अहमद पटेल को वोट किया था, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें बाहर कर दिया था. कांग्रेस ने वसावा ग्रुप को चार सीटें दी हैं.
कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में इन 27 सीटों में से 16 पर जीत दर्ज की थी. इसके अलावा एक सीट जेडीयू और 10 सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. यही वजह है कि अमित शाह की जनसभाओं में आदिवासी ही केंद्रबिंदू रहे और बीजेपी आदिवासी समाज को आकर्षित करने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है.
बता दें कि गुजरात में दो चरण में मतदान होना है. पहले चरण के लिए 9 और दूसरे चरण के लिए 14 दिसंबर को वोटिंग होनी है. जबकि वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी.
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