खुद को आईएएस में चयनित बता रही सृष्टि निकली सरवन कुमारी, UPSC में खुद के चयन का दावा निकला झूठा

यूपीएससी के रिजल्ट में मंगलवार को खुद को चयनित बताने वाली बरेली के भमोरा के रुद्रपुर गांव के किसान ओमकार सिंह की बेटी और पंचायत सहायक का झूठ सामने आया है। खुद को सृष्टि बता 145 रैंक के साथ आईएएस में चयन पर मिठाइयां भी युवती को परिजनों ने खिलाईं।

सोशल मीडिया से लेकर घर तक बधाई संदेश चले। अब सच्चाई सामने आई है कि उसका असली नाम ही सृष्टि नहीं है। उसका तो नाम सरवन कुमारी है। इससे पहले किसान ओमकार सिंह की बेटी का चयन होने का दावा किया गया। इसके लिए उसने कोई कोचिंग नहीं लेने की बात कही।

बुधवार को यह जानकारी सोशल मीडिया के जरिए पता चली कि जिस सृष्टि को 145 रैंक मिली है। असल में वह बिहार की रहने वाली है। उसका बरेली से कोई संबंध ही नहीं है। उसी के नाम का उपयोग रुद्रपुर गांव की सरवन कुमारी और उसके परिजनों ने किया।

पहले खुद को सृष्टि बता रही युवती ने अब खुद को फंसते देख पुलिस में लिखित में दिया है कि उसका चयन यूपीएससी में नहीं हुआ है। किसी ने गलत मेसेज उसके चयनित होने के लिए वायरल किया। खुद का झूठ खुलने पर कानूनी पचड़े में फंसने के डर से बुधवार शाम को पुलिस में लिखित बयान भी दे दिया।

इसमें युवती ने कहा है कि वह 2024 में यूपीएससी परीक्षा में बैठी थी, लेकिन उसका नंबर नहीं आया। किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसका एडमिट कार्ड वायरल कर दिया। इस एडमिट कार्ड में नाम और रोल नंबर किसी अन्य सृष्टि का है।

मेरा इस रोल नंबर से कोई लेनादेना नहीं है। इससे पहले पूरा परिवार घर से अलग-अलग कारण बता अपने ही घर से गायब रहा। एसपी साउथ अंशिका वर्मा का कहना है कि इस प्रकरण की जांच करा रहे हैं।

सवाल : बधाई लेते समय क्यों नहीं बताया, मैं सृष्टि नहीं सरवन कुमारी हूं
मंगलवार को यूपीएससी का रिजल्ट आने के बाद भमौरा के रुद्रपुर की सरवन कुमारी अपने चयन का दावा कर खुशियां मिठाई खाकर मनाई। बुधवार दोपहर तक खूब बधाइयां बंटोरीं। परिजनों ने बेटी के एक कोचिंग द्वारा सम्मानित करने के लिए बुलाने का दावा भी किया। झूठ खुला तो देर शाम पुलिस को जाकर लिखित में खुद के सृष्टि नहीं सरवन कुमारी होने की बात कहकर अज्ञात पर गलत जानकारी वायरल करने का आरोप लगा दिया। अब सवाल यह है कि बधाई लेते समय क्यों नहीं बताया कि मैं चयनित होने वाली सृष्टि नहीं हूं, मैं तो सरवन कुमारी हूं।

मंगलवार को चयन होने की सूचना परिजनों द्वारा खुद दी गई। इसके बाद मिठाई खिलाते हुए माता-पिता और बेटी की फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। मीडिया बंधुओं से भी युवती ने चयन होने में विषम परिस्थितियों के अलावा अपनी तैयारी के तरीकों की जानकारी भी दी गई। यह भी दावा किया गया कि इसके लिए उसने कोई कोचिंग नहीं ली। अपनी तैयारी उसने यूट्यूब वीडियो व फ्री ऑनलाइन कंटेंट से की थी। इसके साक्ष्य भी अमर उजाला के पास मौजूद हैं। बुधवार को भी बधाई संदेश सोशल मीडिया और घर पर चलते रहे।

दूसरे दिन जानकारी सामने आई कि उसका नाम ही सृष्टि नहीं है। उसका असली नाम तो सरवन कुमारी है। पहले खुद को सृष्टि बता रही युवती ने अब खुद को फंसते देख पुलिस में लिखित में दे दिया कि उसका चयन यूपीएससी में नहीं हुआ है। किसी ने गलत मेसेज उसके लिए वायरल कर दिया। पुलिस को दिए लिखित बयान में सरवन कुमारी ने कहा है कि वह 2024 में यूपीएससी परीक्षा में बैठी थी, लेकिन उसका नंबर नहीं आया। किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसका गलत एडमिट कार्ड वायरल कर दिया। इस एडमिट कार्ड में नाम और रोल नंबर किसी अन्य सृष्टि का है। मेरा इस रोल नंबर से कोई लेनादेना नहीं है। पुलिस के पास भी जो शैक्षिक दस्तावेज हैं। वह सरवन कुमारी के नाम से ही हैं।

बुधवार को चला बधाई का सिलसिला
सृष्टि बनकर सरवन कुमारी के आईएएस बनने की खबर पूरे इलाके में फैल गई। खुद पुलिस के स्थानीय अधिकारी बधाई देने के लिए उसके घर जाने की तैयारी में थे। कई स्थानीय भाजपा नेता सतीश यादव और ब्लॉक प्रमुख वेद प्रकाश यादव तो उसके घर जाकर बधाई भी दे आए। सोशल मीडिया पर भी स्थानीय लोगों के अलावा पंचायत सहायक संगठनों ने भी खूब बधाई संदेश दिए। भमोरा थाना के इंस्पेक्टर राजकुमार शर्मा ने बताया कि औपचारिक रूप मुलाकात कर बधाई देने जाना था। इससे पहले ही यूपीएससी में चयन की खबर भ्रामक होने की जानकारी मिल गई। लिखित जानकारी खुद दावा करने वाली युवती ने थाना आकर दे दी है।

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