स्पर्म या शुक्राणु, पुरुषों में प्रजनन (reproductive) कोशिका होती है, जिसे एक व्यक्ति की उत्तेजना के समय वीर्य संबंधी तरल या वीर्य के साथ निष्कासित किया जाता है। मनुष्यों में, शुक्राणु बच्चे के लिंग को निर्धारित करता है। इस लेख में आप जानेंगे शुक्राणु क्या है, शुक्राणु कैसे बनते है, शुक्राणु की संरचना, शुक्राणु की संख्या, शुक्राणु के कार्य के बारे में।
शुक्राणु (Sperm) का कार्य निषेचन की क्रिया के दौरान अंडाणु कोशिका को निषेचित करना है। स्पर्मेटोजोआ गर्भावस्था के 9 महीने के दौरान गर्भ में भ्रूण के विकसित होने के लिए एक नए जीव जिसे युग्मनज या गैमीट (zygote) कहा जाता है, का निर्माण करता है। मानव शुक्राणु कोशिकाएं हैंप्लोइड (haploid) हैं, जिसका अर्थ है कि उनमें 23 गुणसूत्र होते हैं।
स्पर्म या शुक्राणु कोशिकाएं पुरुष यौन कोशिकाएं (male sex cells) होती हैं। जिनका प्रमुख कार्य महिला यौन कोशिकाओं (female sex cell) के साथ मिलकर या जुड़कर पूरी तरह से एक नया जीव बनाना है। शुक्राणु को वीर्यपात के दौरान वीर्य संबंधी तरल (semen) के साथ निष्कासित किया जाता है।
पुरुषों में शुक्राणु (स्पर्मेटोजोआ) का उत्पादन वृषण (testis) में होता है, जबकि महिला के अंडाशय में ओसाइट्स (oocytes) या अंडाणु कोशिकाएं उत्पन्न होती हैं। जब एक अंडाणु और शुक्राणु एकजुट होते हैं, तो वे एक जायगोट (zygote) बनाते हैं, जो एक embryo में विकसित होता है, और बाद में भ्रूण (fetus) के रूप में विकसित हो जाता है।
पुरुषों की शुक्राणु कोशिका, नई जीव (भ्रूण) के लिंग को निर्धारित करती है। इसका मतलब है कि शुक्राणु या तो Y गुणसूत्र या X गुणसूत्र ले सकता है, जबकि अंडाणु कोशिकाओं में हमेशा X गुणसूत्र होता है। इसलिए लड़का या लड़की का होना पूरी तरह पुरुष के गुणसूत्र पर निर्भर करता है।लिंग के नीचे की तरफ एक अंडकोश (scrotum) की थैली होती है। अंडकोश पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन और शुक्राणुओं का उत्पादन करते हैं। स्खलन (ejaculation) पर शुक्राणुओं को मूत्र मार्ग से मुक्त किया जाता है। यौन संबंध के दौरान, लिंग गर्भाशय (cervix) के पास होता है,
जहां से शुक्राणु आगे की ओर जाते हैं और अंडाशय (ovum) तक पहुंचते हैं। अंडकोश (testicles) के अंदर उत्पादित शुक्राणुओं को परिपक्वता के लिए वृषण (testes) से अधिवृषण (epididymis) में आ जाते हैं। यहां पर शुक्राणु लगभग 15-20 दिनों तक संग्रहीत रहते है अगर उन्हें तो (सेक्स या हस्तमैथुन द्वारा) बाहर नहीं किया जाता है।