नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार और राज्य के पूर्व मुख्य सचिव अल्पन बंदोपाध्याय का जवाब केंद्रीय गृह मंत्रालय को बृहस्पतिवार की देर रात मिल गया है. जवाब की समीक्षा करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय इस मामले में अपनी अगली कार्रवाई करेगा. इस कार्यवाही के तहत बंदोपाध्याय की मुसीबतें बढ़ भी सकती हैं.
गृह मंत्रालय ने जारी किया था नोटिस
आपदा नियंत्रण अधिनियम 2005 के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चक्रवात तूफान की समीक्षा करने पश्चिम बंगाल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में तत्कालीन मुख्य सचिव अल्पान बंधोपाध्याय की भूमिका को बेहद संदिग्ध मानते हुए उन्हें नोटिस जारी किया था और इसका जवाब बृहस्पतिवार तक देने को कहा गया था.
यह मामला तब उठा था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को चक्रवाती तूफान की समीक्षा करने खुद कोलकाता पहुंचे थे. लेकिन आरोप है कि प्रधानमंत्री की बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तत्कालीन मुख्य सचिव बंधोपाध्याय ना केवल देर से पहुंचे बल्कि बैठक से जल्दी चले गए. इस मामले को केंद्र सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया और मामले की समीक्षा के बाद आपदा नियंत्रण प्राधिकरण जिसके मुखिया खुद केंद्रीय गृह सचिव होते हैं की तरफ से बंदोपाध्याय को नोटिस भेजा गया था. जिसका जवाब 3 जून तक मांगा गया था.
तीन सालों के लिए ममता के मुख्य सलाहकार बने बंदोपाध्याय
ध्यान रहे कि बंदोपाध्याय को इसके पहले ममता बनर्जी के अनुरोध पर ही केंद्र सरकार ने तीन महीने का सेवा विस्तार दिया था, क्योंकि उनकी सेवानिवृत्ति 31 मई को हो रही थी, लेकिन यह मामला आने के बाद 31 मई को ही उन्हें नोटिस भेज दिया गया था. जबकि उधर बंदोपाध्याय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद ममता बनर्जी ने उन्हें अगले तीन सालों के लिए अपना मुख्य सलाहकार घोषित कर दिया था.
बंद्योपाध्याय ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया- सूत्र
सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्य सचिव ने 28 मई को ममता बनर्जी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक को जल्दी छोड़ने की अपनी कार्रवाई का बचाव किया है. सूत्रों ने कहा कि बंद्योपाध्याय ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि चूंकि राज्य की मुख्यमंत्री जो उनकी अधिकारी हैं, राज्य का मुख्य सचिव होने के नाते मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन करना उनका कर्तव्य है.
बंद्योपाध्याय ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक बैठक के लिए दीघा रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री से अनुमति मांगी थी. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने पीएमओ को अपने विस्तृत कार्यक्रम से अवगत करा दिया है और इसलिए किसी भी तरह से केंद्र सरकार के आदेश के अनुपालन न करने का कोई गलत काम नहीं किया है ना ही उनका ऐसा कोई इरादा था.
केंद्रीय गृह मंत्रालय करेगा समीक्षा- सूत्र
सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय बंदोपाध्याय द्वारा भेजे गए इस जवाब की समीक्षा करेगा और उसके बाद आगे की कार्यवाही तय करेगा. इस कार्यवाही के तहत बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अल्पान बंधोपाध्याय की मुसीबतें बढ़ सकती है. यदि केंद्रीय गृह मंत्रालय बंदोपाध्याय के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ तो उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की तरफ से दर्ज कराई जा सकती है.
आपराधिक एफआईआर, आपदा प्रबंधन अधिनियम धारा 51 और धारा 56 के तहत कार्रवाई हो सकती है. इस अधिनियम के तहत कार्रवाई होने पर और आरोप साबित होने पर एक साल की सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं. फिलहाल केंद्रीय गृह मंत्रालय बंदोपाध्याय द्वारा भेजे गए जवाब का आकलन कर रहा है और इस मामले में कानूनी विचार वमर्श के बाद अगली कार्रवाई तय की जा सकती है.