रूस से आयात होने वाला तेल कोयला और गैस को लेकर पूरी दुनिया में बहस छिड़ी हुई है। यूरोपियन यूनियन रूसी तेल और गैस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। लेकिन डेटा बताता है कि यूरोपियन यूनियन रूस से जमकर खरीदारी की है। भारत ने भी रूस से भारी मात्रा में तेल आयात किया है।
रूस से तले खरीदने को लेकर अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी का टैरिफ लगाया है। अमेरिका और यूरोपियन यूनियन नहीं चाहते कि रूस का तेल विकासशील देशों तक पहुंचे और उससे वह मोटा पैसा कमाएं। इसीलिए ये बड़ी ताकतें रूसी तेल पर प्रतिबंध लगा देती है। लेकिन कहानी बिल्कुल अलग है। एक तरफ यूरोपियन यूनियन के देश रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाने का काम करती है तो दूसरी ओर रूस से जमकर तेल, कोयला और गैस खरीदने का काम करते है।
यह पूरी तरह से दोगलापन है। आइए जानते हैं कि आखिर रूस के सबसे बड़े खरीदार कौन हैं? इस लिस्ट में भारत (India Russia News) किस नंबर पर आता है? आइए इन सभी सवालों के जवाब को जानने की कोशिश करते हैं।
यूरोपियन यूनियन ने रूस से कितने का आयात किया?
Trading Economics की रिपोर्ट के अनुसार 2014 में जब रूस ने क्रीमिया पर कब्जा किया और 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया, तब यूरोप ने रूस से 1.4 ट्रिलियन डॉलर मूल्य (Russia Top Imports) का आयात किया। यूरोपियन यूनियन ने हथियार बनाने में इस्तेमाल होने वाली मशीनों सहित अरबों डॉलर मूल्य के उत्पादों का निर्यात भी किया।
रूस से सबसे ज्यादा तेल, कोयला और गैस खरीदने वाले टॉप 5 देश
रूस से सबसे अधिक तेल, कोयला और गैस खरीदने वाले टॉप 5 देशों में नंबर वन पर चीन है। चीन के बाद दूसरे नंबर पर यूरोपियन यूनियन है। इसके बाद तीसरे नंबर पर भारत है। नीचे उन 5 देशों की लिस्ट है, जो रूस से सबसे अधिक व्यापार करते हैं।
चीन
यूरोपियन यूनियन
इंडिया
तुर्किये
जर्मनी
डेटा के अनुसार 1 जनवरी 2023 से 18 अगस्त 2025 तक चीन ने रूस से 268,044 मिलियन यूरो का तेल, कोयला और गैस का आयात किया। वहीं, इस दौरान यूरोपियन यूनियन ने 212,942 मिलियन यूरो का तेल, कोयला और गैस रूस से आयात किया। बात अगर भारत की करें तो इस अवधि में भारत ने रूस से 148,381 मिलियन यूरो का तेल और कोल आयात किया।