 भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने मार्च 2016 में बलूचिस्तान से पकड़ा था और एक सैन्य अदालत में उसके खिलाफ मुकदमा चलाया गया था, जिसने जाधव को ‘जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों’ के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी।
भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने मार्च 2016 में बलूचिस्तान से पकड़ा था और एक सैन्य अदालत में उसके खिलाफ मुकदमा चलाया गया था, जिसने जाधव को ‘जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों’ के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। 
आईसीजे ने पाकिस्तान से कहा था कि वह इस पर अदालत के समक्ष 13 दिसंबर या उससे पहले लिखित जवाब दे जिससे अदालत आगे की कार्यवाही शुरू कर सके।
विदेश कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक अटॉर्नी जनरल अश्तर औसफ अली ने शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के विधि विशेषज्ञों और अधिकारियों तथा प्रासंगिक विभागों की एक बैठक की अध्यक्षता की और अंतरराष्ट्रीय अदालत में बहस की दलीलों पर चर्चा की।
 
सूत्रों ने कहा, ‘हम पूरी शक्ति से अपनी स्थिति का बचाव करेंगे जो इस तथ्य पर आधारित है कि जाधव एक भारतीय जासूस है जिसे पाकिस्तान में जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों का जिम्मा सौंपा गया था।’ 
इस बीच औसफ ने डॉन अखबार को बताया कि उन्होंने स्थिति की समीक्षा करने के लिए साप्ताहिक बैठकें करने का फैसला लिया है जिससे ‘इस्लामाबाद के नजरिये को अंतिम रूप दिया जा सके और उसे भारत के आरोपों के लिए एक उचित जवाब के तौर पर बदला जा सके।’
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