प्रधानमंत्री की बुधवार की शिमला यात्रा कई मायनों में अनूठी रही. राजनीतिक तौर पर हिमाचल प्रदेश के किसी मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में पहली बार कोई प्रधानमंत्री शामिल हुआ. दूसरा उन्होंने शिमला की अपनी पुरानी यादें ताजा करते हुए शहर के प्रसिद्ध इंडियन कॉफी हाउस के बाहर रुक कर अपनी पसंदीदा कॉफी की चुस्कियां ली और लोगों के साथ अपनी यादें बांटी.
बुधवार सुबह करीब साढ़े दस बजे का समय था जब प्रधानमंत्री मोदी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए शिमला पहुंचे. यहां से लौटते वक्त पीएम मोदी ने इंडियन कॉफी हाउस के बाहर अपना काफिला रोक दिया और गाड़ी से निकल कर लोगों का अभिवादन किया. इसके बाद उन्होंने कॉफी के लिए इशारा किया. उस वक्त इंडियन कॉफी हाउस के वेटर भगीरथी अपनी ट्रे लेकर खड़े थे, जिसमें कुछ टोस्ट, एक कॉफी और पानी के गिलास रखे थे.
भगीरथी इशारा पाते ही तुरंत प्रधानमंत्री की ओर बढ़ गए. प्रधानमंत्री ने कॉफी का कप उठाया और उसकी चुस्कियां लेते हुए पुरानी यादें ताजा की. भागीरथी ने उनको टोस्ट भी आफर किया, जिसे प्रधानमंत्री ने नहीं लिया. उधर कॉफी हाउस के सहायक मैनेजर नरेंद्र सिंह नेगी ने प्रधानमंत्री को कॉफी का बिल नहीं दिया. उनके मुताबिक प्रधानमंत्री का उनके कॉफी हाउस के बाहर खड़े होना एक गौरव की बात है.
पिछले 32 सालों से इंडियन कॉफी हाउस में बतौर मैनेजर कार्यरत आत्माराम शर्मा के मुताबिक नरेंद्र मोदी इंडियन कॉफी हाउस के पुराने ग्राहक हैं और जब वह हिमाचल प्रभारी थे तो अक्सर इंडियन कॉफी हाउस में बैठकर अपने दोस्तों के साथ समय बिताते थे. प्रधानमंत्री ने चुनाव के दौरान अपनी शिमला रैली में कहा था कि अक्सर उनकी कॉफी का बिल उनके पत्रकार मित्र भरते थे। उन्होंने अपनी रैली के दौरान कुछ पत्रकारों के नाम भी गिनाए थे जो अक्सर उनके साथ रहते थे.
प्रधानमंत्री ने आज भी काफी का बिल नहीं भरा. यह बात अलग है कि जो कॉफी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की गई उसका ऑर्डर किसी और ग्राहक ने दिया था, लेकिन कॉफी तैयार होते ही प्रधानमंत्री सामने आ गए और वह कॉफी उनकी हो गई. लेकिन इंडियन कॉफी हाउस उनकी प्रशंसा से गदगद है. कॉफी हाउस के प्रबंधक को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री भविष्य में भी उनके यहां आकर कॉफी पीएंगे.
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