आपको दिल्ली में आप सरकार का वह वाक्या याद ही होगा जिस समय केजरीवाल अपने पद का कामकाज छोड़ अनशन पर बैठ गए थे. केजरीवाल ने दिल्ली के कनॉट प्लेस में एक विदेशी महिला से हुए गैंग रेप को लेकर दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उस वक्त केजरीवाल का सोशल मीडिया पर जमकर मजाक उड़ा था. केजरीवाल के लिए वह दौर इतना बुरा था कि उन्होंने खुद को ‘अराजकतावादी’ तक कह डाला था. खैर आज इस बात की चर्चा इसलिए क्योंकि आज एक और सीएम ने अपने ही शासनकाल में अनशन की घोषणा कर दी है. वे कोई और नहीं किसान आंदोलन की आंच में घिरे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं.

शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार शाम घोषणा की कि वे शनिवार से तब तक अनशन पर रहेंगे जब तक किसान आंदोलन शांत नहीं हो जाता और अनिश्चितकालीन अनशन करूंगा. शिवराज सिंह चौहान भोपाल के भेल दशहरा मैदान में अनशन करेंगे. उन्होंने बताया कि वे इस दौरान ना बल्लभ भवन में कोई काम करेंगे और ना ही सीएम हाउस से, अपने काम भी वे दशहरा मैदान से ही करेंगे. अपने बयान में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मेरे उपवास के दौरान प्रदेश का कोई कामकाज नहीं रुकेगा. सरकार के सारे काम दशहरा मैदान से ही निपटाए जाएंगे. मेरे उपवास के दौरान किसानों से चर्चा के सभी रास्ते खुले रहेंगे.
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