संजय मिश्रा आज के नामी एक्टर और कॉमेडियन हैं लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब वो एक्टिंग छोड़-छाड़कर ऋषिकेश चले गए थे और एक ढाबे पर काम करने लगे।
ये वो वक्त था जब उनके पिता का देहांत हुआ। संजय मिश्रा अपने पिता के बहुत करीब थे। पिता की मौत ने संजय मिश्रा को ऐसा झकझोरा कि वो गुमशुदा हो गए और अकेला महसूस करने लगे। उनका कहीं मन नहीं लग रहा था। उनका मन वापस मुंबई जाने का भी नहीं हुआ और एक्टिंग छोड़ दी।
वहां संजय मिश्रा एक ढाबे पर काम करने लगे। संजय सौ से भी ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके थे लेकिन इतनी फिल्मों के बाद भी उन्हें वो सफलता नहीं मिली जिसके वो हकदार थे। शायद इसी वजह से ढाबे पर संजय मिश्रा को किसी ने पहचाना भी नहीं। दिन बीतते गए और संजय मिश्रा का वक्त ढाबे पर सब्जी बनाने, आमलेट बनाने में कटने लगा।